वकीलों के धरने के बाद पुलिस ने बनाया था गिरफ्तारी का दवाब

थाने पहुंची पब्लिक ने किया हंगामा, कार्रवाई को बताया गलत

ALLAHABAD: वकीलों के आंदोलन से पुलिस प्रेशर में थी तो पब्लिक अपने पार्षद को गुनाहगार मानने को तैयार नहीं थी। पुलिस ने प्रेशर बनाया तो पार्षद ने खुद थाने पहुंचकर सरेंडर करने का फैसला लिया। इसकी जानकारी होने पर सैकड़ों का हुजूम पार्षद के घर पहुंच गया। नतीजा पार्षद के साथ सैकड़ों लोग पैदल ही थाने पहुंच गये। इन लोगों ने थाना प्रिमाइस और बाहर जमकर हंगामा किया। पुलिस अफसरों को उन्हें समझाने में पसीना छूट गया।

मकान पर कब्जे का विवाद

कीडगंज थानाक्षेत्र में एक विवादित मकान को लेकर शुक्रवार रात थाने पर मड़ौका निवासी अधिवक्ता मनीष और उनके साथी आरसी निगम समेत कई लोग गए थे। वहां पर दूसरे पक्ष से क्षेत्रीय पार्षद अकीलुर्रहमान उनके बेटे व अन्य कई लोग भी पहुंचे थे। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर वापस भेज दिया था। आरोप है कि जैसे ही दोनों अधिवक्ता थाने से बाहर निकलकर गेट से आगे बढ़े पार्षद उसके बेटे और अन्य लोगों ने लाठी व तमंचे के बट से हमला कर अधिवक्ता को जख्मी कर दिया। पुलिस ने मौके से पार्षद अकीलुर्रहमान के बेटे कामिल व अरसलाम और जीशान को गिरफ्तार कर लिया था। पार्षद वांछित चल रहे थे। जिनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार पुलिस दबिश भी दे रही थी।

एसएसपी से की थी शिकायत

पार्षद की गिरफ्तारी को लेकर शुक्रवार दोपहर अधिवक्ताओं ने कचहरी में न्यायिक कार्य का बहिष्कार करते हुए एसएसपी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन व हंगामा किया था। तब एसपी सिटी ने जल्द ही गिरफ्तारी का आश्वासन देते हुए धरना प्रदर्शन शांत करा दिया था। वकीलों के बढ़ते प्रेशर को देखते हुए पुलिस ने दबाव बढ़ाया तो पार्षद ने खुद सरेंडर कर देने का फैसला लिया और शनिवार को दिन में थाने पहुंच गये।

Posted By: Inextlive