आगरा। सूबे की सरकार ने तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं। दो वर्ष बाद 2017 में विधानसभा चुनाव होना प्रस्तावित है। ऐसे जनता को रिझाने के लिए अब सरकार को अपनी योजनाओं के प्रचार-प्रसार की याद आई है। प्रचार-प्रसार भी उन योजनाओं का होगा, जो अब बंद हो चुकी हैं। मतलब जो योजना अब पब्लिक का कल्याण नहीं कर रहीं, उनके प्रचार-प्रसार पर टैक्स के रूप में मिलने वाली पब्लिक की गाढ़ी कमाई पानी की तरह बहा दी जाएगी।

हर वर्ग को लुभाया था

सत्ता में आने के लिए सूबे की सरकार ने चुनाव में जनता से तमाम प्रकार के लोक लुभावन वादे किए। किसान, कामगार छात्र, बेरोजगार, महिला-पुरुष सहित सभी को विभिन्न तरीके से लुभाया गया। सत्ता में आने के बाद इनके लिए योजनाएं भी शुरू की गई, लेकिन योजनाएं परवान चढ़ने से पहले ही दम तोड़ गई।

ये योजनाएं हो चुकी है बंद

अब प्रदेश सरकार इन योजनाओं का प्रचार-प्रसार एलईडी वैन से करने जा रही है। बता दें, तीन वर्षो में प्रदेश में तमाम कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई। इसमें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के स्टूडेंट्स को टैबलेट और लैपटॉप वितरण, बेरोजगारी भत्ता, कन्या विद्याधन योजना, हमारी बेटी उसका कल, कक्षा एक से आठवीं तक के छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप समेत कई अन्य कल्याणकारी योजनाएं बंद हो चुकी हैं।

एलईडी वैन से शहर से गांव तक प्रचार

जनपद में शासन की कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा शहर से गांव तक किया जाएगा। इसके लिए 11 अप्रैल तक विभिन्न चयनित स्थानों पर लाइव प्रसारण किया जाएगा। योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के लिए सिटी में कलेक्ट्रेट पर एलईडी लगाई जा चुकीं हैं। इसके अलावा एलईडी वैन भी गांव-गांव जाकर योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेंगी।

बंद हुई योजनाएं, जिनका होगा प्रचार

इसमें कुछ योजनाओं को नए सिरे से शुरू करने की घोषणा तो हुई है, लेकिन ये आगे आने वाला समय बताएगा कि जमीन पर कब उतरेंगीं।

टैबलेट लैपटॉप वितरण: प्रदेश की सपा सरकार ने शुरुआत में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं को टेबलेट लैपटॉप वितरण की योजना शुरू की थी। इसमें इंटर पास छात्र-छात्राओं को तो लैपटॉप बांटे गए, लेकिन टैबलेट वितरण योजना शुरु होने से पहले ही दम तोड़ गई। जनपद में तकरीबन 55 हजार छात्र-छात्राओं को लैपटॉप बांटे गए थे, लेकिन स्टूडेंट्स को टैबलेट का अब तक इंतजार है।

बेरोजगारी भत्ता: ये योजना सिर्फ एक वर्ष में दम तोड़ गई। इस योजना के तहत युवाओं को बेरोजगारी भत्ता के तौर पर एक हजार रुपये प्रति महीना दिया गया। जनपद में तकरीबन साढ़े सात हजार बेरोजगारों को भत्ता दिया। इसके बाद ये योजना बंद हो गई।

कन्या विद्याधन योजना: ये योजना भी एक वर्ष में ही दम तोड़ गई। इस योजना के तहत इंटरमीडिएट पास छात्राओं को 30 हजार रुपये दिए गए।

हमारी बेटी उसका कल योजना: यह योजना भी एक वर्ष में ही दम तोड़ गई। इस योजना के तहत छात्राओं को 20 हजार रुपये की धनराशि दी गई, लेकिन ये योजना भी नहीं चल सकी।

कक्षा एक से आठ तक स्कॉलरशिप: प्रदेश सरकार ने कक्षा एक से आठ तक के छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप देना बंद कर दिया। इसके तहत छात्र-छात्राओं को 400 रुपये दिए जाते थे।

क्या है सरकार की मंशा?

सरकार के इस फैसले से कुछ सवाल उठना भी लाजिमी है। पब्लिक के बीच एलईडी वैन से सरकार पब्लिक को बताएगी कि किस तरह उसने इन योजनाओं से उनका कल्याण किया। लेकिन सवाल उठता है कि जब यह योजनाएं, इतनी हीं कल्याणकारी थीं तो दम क्यों तोड़ गई? अगर इन योजनाओं को चलाने से कोई फायदा नहीं हो रहा था तो अब इसका प्रचार-प्रसार क्यों किया जा रहा है?

Posted By: Inextlive