सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि अनिश्चित काल के लिए सार्वजनिक स्थान पर शाहीन बाग जैसे विरोध प्रदर्शन स्वीकार नहीं है। अनिश्चित काल के लिए सार्वजनिक स्थानों पर कब्जा नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला एंटी सीएए प्रोटेस्ट को लेकर शाहीन बाग रोड ब्लाॅक करने के खिलाफ एक याचिका में आया है।


नई दिल्ली (पीटीआई)। पिछले साल दिसंबर में देश की राजधानी दिल्ली में एंटी सीएए प्रोटेस्ट को लेकर शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों ने एक रोड को ब्लाॅक कर रखा था। रोड ब्लाॅक होने से परेशानी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। बेंच ने कहा पुलिस को करनी चाहिए थी कार्रवाईजस्टिस एसके कौल के नेतृत्व में बेंच ने फैसला दिया है कि शाहीन बाग जैसे प्रदर्शन के लिए पब्लिक प्लेस पर अनिश्चित काल के लिए धरना नहीं किया जा सकता है। बेंच ने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस को शाहीन बाग इलाके को प्रदर्शनकारियों से खाली कराना चाहिए था।लोकतंत्र और असहमति साथ-साथफैसले में बेंच ने कहा कि अथाॅरिटी को खुद से कार्रवाई करनी चाहिए थी। ऐसे मामलों में कोर्ट की आड़ में हालत से मुंह नहीं छिपाना चाहिए था। कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र और असहमति साथ-साथ चलनी चाहिए।
वकील अमित साहनी ने डाली थी याचिकासिटिजन अमेंडमेंट एक्ट के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने शाहीन बाग में एक सड़क को अनिश्चित काल के लिए ब्लाॅक कर दिया था। रोड ब्लाॅक करने के खिलाफ वकील अमित साहनी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। यह फैसला इसी याचिका में आया था।

Posted By: Satyendra Kumar Singh