- कई जगहों पर लोग आश्चर्यचकित, लोगों में भय मिश्रित माहौल

- गंगापार, यमुनापार सहित कौशांबी में मची है हलचल

ALLAHABAD:

केवल इलाहाबाद नहीं बल्कि आसपास के कई जिलों में लोगों की जुबान पर एक ही सवाल है कि आखिर पत्थर से बने सिल, लोढ़ा, चौका, चकरी, जांत आदि को कौन टांक रहा है। इससे आम जनता में आश्चर्य का माहौल है। लोग परेशान हैं कि घर में रखी वस्तुओं पर आखिर देवी ,देवताओं के अलावा अन्य आकृतियां कैसे उकेरी जा रही हैं। आखिर ये सभी चिंह कैसे बन रहे हैं।

इनके घर में कौतूहल का माहौल

सहसों के गांव बिगहिया के सीताराम बिन्द के सिल, गिरजा शंकर मिश्र के जांच, राम मूर्ति धूरिया के चकरी, कामता प्रसाद के लोढे़, तिवारीपुर गांव निवासी संतलाल यादव के चकरी, गंगा प्रसाद यादव के चकरी, शैलानी यादव के चकरी तथा मंगला प्रसाद के चकरी पर उगते सूर्य सहित कई चिंह उकेरे गए हैं। देवी-देवताओं, ओम आदि आकृति वाले चिंहों को लेकर क्षेत्र में कौतूहल का माहौल बना हुआ है। लोग इसे देखकर आश्चर्यचकित हैं।

चर्चाओं का बाजार गर्म

बहरिया क्षेत्र के कई गांवों में इन दिनों सिल, चकरी, जांत कूटे जाने की चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोगों का कहना है कि यह अप्रत्याशित घटना घरों में रखी गई पत्थरों की आकृतियों में साफ नजर आ रही हैं। उदाहरण के तौर पर तुलापुर गांव में कल्लू यादव, बलेश्वर यादव, रूहेरा के बाबादीन, अजय उर्फ साधु, राम सागर यादव तुलसी पट्टी के छविराम ,ऋखि राम के अलावा मलाका मय भैंसाही आदि में तरह-तरह की बात चल रही है।

कहीं मान रहे अपशकुन तो कहीं अच्छे संकेत

माना जा रहा है कि पत्थरों के अचानक टंक जाने के पीछे कई संकेत हो सकते हैं। कुछ लोग इसे अपशकुन मान रहे है तो कुछ लोग अच्छा संकेत कह रहे हैं। हर तरफ कई तरह की अफवाहे हैं। इसे भयमिश्रित माहौल भी कहा जा सकता है। कौशांबी, कोरांव, मेजा, नैनी, झूंसी आदि एरिया में भी ऐसी कई घटनाएं सामने आ रही हैं।

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पहले भी गणेश जी पी चुके हैं दूध

यह कोई नई घटना नहीं है जिसने लोगों को आश्चर्य में डाला हो। कई साल पहल पूरे देश में घटी एक घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया था। लोग अपने घरों से लेकर मंदिरों में गणेशजी की मूर्ति को दूध पिलाने पहुंच रहे थे। यह घटना देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर की मीडिया के लिए स्पेशल कवरेज में शामिल रही।

Posted By: Inextlive