1 जुलार्इ को भारत में डाॅक्टर्स डे मनाया जाता है। एेसे में आइए इस खास दिन पर जानें एक एेसे डाॅक्टर्स के बारे में जो सड़क के किनारे बैठे भिखारियों को ढूंढकर कर उनका इलाज करते हैं इतना ही नहीं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश करते हैं...


भिखारियों को ढूंढकर उनका फ्री में उपचार करते कानपुर। धरती पर डाॅक्टरों को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है। हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी एक कार्यक्रम में इस बात का जिक्र किया था कि मां और डाॅक्टर में काफी हद तक समानता होती है। मां अगर जन्म देती है तो डाॅक्टर पुर्नजन्म देते हैं। ऐसे में आज महाराष्ट्र के पुणे के डॉक्टर अभिजीत सोनवाने का नाम न लिया जाए तो यह बेमानी होगी। आज के इस भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां लोगों के पास अपनों के लिए वक्त नहीं है। वहां डॉक्टर अभिजीत सड़कों के किनारे भिखारियों को ढूंढकर उनका फ्री में उपचार करते हैं। ऐसे में भीख मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता
मिड डे की एक रिपाेर्ट के मुताबिक वह सड़क के किनारे बैठे गरीब और बेघर-बेसहारा बीमार लोगों का उपचार कर उन्हें स्वस्थ करने की कोशिश करते हैं। डॉक्टर अभिजीत ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि अक्सर लोग बुजुर्गों को घरों से निकाल देते हैं। ऐसे में उनके पास भीख मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है। इस दौरान मैं न केवल उनकी जांच करता हूं बल्कि उन्हें मुफ्त दवाएं भी देता हूं। मैं अपने साथ दवाएं लेकर भी निकलता हूंं। सोमवार से शनिवार तक सुबह 10 बजे से शाम 3 बजे तक हर दिन लोगों का इलाज करता हूं।  काम-धंधा शुरू करने में पूरी मदद का भरोसा देतेइतना ही नहीं डॉक्टर अभिजीत इस दौरान उन बेसहारा लोगों के साथ बातचीत कर एक रिश्ता बना लेते हैं। जब वे ठीक हो जाते हैं तब उन्हें समझाने का प्रयास करते हैं कि भीख मांगना छोड़कर कोई अपना छोटा-मोटा काम शुरू करें। उन्हें यह भी भरोसा दिलाते हैं कि काम-धंधा शुरू करने में वह पूरी मदद करेंगे। डॉक्टर अभिजीत कहते हैं कि यह काम करके उन्हें खुशी मिलती हैं क्योंकि उन्हें समाज से जो मिला है वह उसे वापस कर रहे हैं। खुद को भिखारियों का डॉक्टर कहलाते हुए डाॅक्टर अभिजीत आज समाज में एक बड़ा उदाहरण बन गए हैं।

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Posted By: Shweta Mishra