पंजाब के मंत्री ने मानव संसाधन विकास मंत्री से संशोधित यूजीसी दिशानिर्देशों की फिर से जांच करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि 30 सितंबर तक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के टर्मिनल कक्षाओं / सेमेस्टर के लिए परीक्षा आयोजित कराना संभव नही है। राज्य सरकार को अपने निर्णय को लागू करने की अनुमति दें।


चंडीगढ़ (एएनआई)। पंजाब के उच्च शिक्षा मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को एक पत्र लिखा है। उच्च शिक्षा मंत्री ने पत्र के जरिए उनसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा जारी संशोधित दिशानिर्देशों की फिर से जांच करने का अनुरोध किया है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, संशोधित दिशानिर्देश सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को 30 सितंबर तक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के टर्मिनल कक्षाओं / सेमेस्टर के लिए परीक्षा आयोजित करने के लिए अनिवार्य करते हैं।अधिकांश स्टूडेंट दूरदराज के ग्रामीणों में रहते हैं


तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने अपने पत्र में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते जनहित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार को अपने निर्णय को लागू करने की अनुमति दें। उन्होंने कहा कि एमएचआरडी / यूजीसी दिशानिर्देश परीक्षा के संचालन को अनिवार्य बनाते हैं। यह निर्देश कोरोना संकट के इस दाैर में विचरणीय है। मंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में छात्रों के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करना राज्य में असंभव है। अधिकांश स्टूडेंट दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और वो कंप्यूटर / लैपटॉप और इंटरनेट की पहुंच से दूर हैं। सार्वजनिक परिवहन से अभी आना-जाना आसान नहीं

कई स्थानों पर, कॉलेजों, यूनिवर्सिटी व हाॅस्टल को जिला प्रशासन द्वारा अस्थायी चिकित्सा शिविर, कोविड-केयर अस्पताल और आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया है। इसके अलावा सार्वजनिक परिवहन से अभी आना-जाना आसान नहीं है। मंत्री ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुदुचेरी ने भी टर्मिनल परीक्षा आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया है। यहां तक ​​कि आईआईटी मुंबई, खड़गपुर, कानपुर, रुड़की ने भी अपने लास्ट सेमेस्टर एग्जाम कैंसिल कर दी हैं।

Posted By: Shweta Mishra