जीएसटी और नोटबंदी असर से बाहर निकल रही जीडीपी, Q2 में विकास दर 6.3 प्रतिशत
पहली तिमाही पर बुरा असर, दूसरी में सुधारसेंट्रल स्टेटिस्टिक्स ऑफिसर (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही जुलाई से अक्टूबर में जीडीपी की ग्रोथ रेट 6.3 प्रतिशत दर्ज की गई है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल से जून के बीच विकास की यह दर 5.7 प्रतिशत रही थी। यह दर पिछले 13 महीनों में सबसे कम थी। जबकि गत वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी की विकास दर 7.9 प्रतिशत थी। इसके लिए जानकारों ने नोटबंदी और जीएसटी को जिम्मेदार बताते हुए केंद्र सरकार की जमकर आलोचना की थी।
जानकारों का मानना है कि इंटरनेशनल क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने भारत की रेटिंग में इजाफा करने से न सिर्फ जीएसटी और नोटबंदी की आलोचना झेल रही सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी को फायदा मिलेगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी संजीवनी मिलेगी। ध्यान रहे कि इससे पहले वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूईंग बिजनेस रेटिंग में भारत ने 30 पायदान की छलांग लगाई थी। रेटिंग सुधरने से भारत में निवेश करना अब ज्यादा सुरक्षित और फायदे का सौदा साबित होगा। दुनियाभर के निवेशक तीन बड़ी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की रेटिंग के आधार पर ही निवेश करते हैं। अब भारत को कम ब्याज पर कर्ज मिल सकेगा। जिस देश की क्रेडिट रेटिंग जितनी खराब होती है उसे कर्ज के लिए उतना ही ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है।