अरब जगत का देश क़तर ऐसा देश नहीं है जो अक्सर सुर्खियों में रहता है लेकिन सोमवार को क़तर तब सुर्खियों में आया जब उससे कूटनीतिक संबंध ख़त्म कर खाड़ी देशों ने उसे अलग-थलग कर दिया। सउदी अरब मिस्र संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के अलावा यमन और लीबिया ने क़तर के साथ अपने राजनयिक संबंध तोड़ दिए।

इन छह देशों ने क़तर पर कथित इस्लामिक स्टेट और अल-क़ायदा का समर्थन करने का आरोप लगाया है। क़तर ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है। रोज़गार के लिए कई देशों के लोग क़तर जाते हैं। क़तर में 2022 का फ़ुटबॉल विश्व कप खेला जाना है जिसके लिए तैयारियां जारी हैं। खाड़ी देशों के क़तर से संबंध तोड़ने से कई समीकरण बदलेंगे लेकिन आख़िर क़तर के बारे में हम कितना जानते हैं?पढ़ें क़तर की पांच ख़ास बातें।

 

सीआईए की वर्ल्ड फ़ैक्टबुक के मुताबिक मुस्लिम और ईसाई समुदाय के बाद क़तर में हिंदू तीसरा सबसे बड़ा धार्मिक समुदाय है। नौकरी और बेहतर भविष्य का सपना लेकर क़तर आने वाले लोगों की दिक्कतों की ख़बरें सामने आती रही हैं। क़तर में प्रवासी कामगारों के लेबर कैंप में बदतर हालात में रहने की रिपोर्टें भी कई बार सामने आ चुकी हैं। क़तर ने श्रमिकों की स्थिति में सुधार का वादा तो किया था लेकिन एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट 2016/17 के मुताबिक क़तर में अब भी श्रमिकों का शोषण हो रहा है।

 

क़तर कला का क़द्रदान
एक रूढ़िवादी देश माना जाने वाले क़तर ने पिछले कुछ सालों में कई कला प्रदर्शनियों को प्रायोजित किया है। साल 2013 में मशहूर विवादित कलाकार डेमियन हर्स्ट की मध्यपूर्व में पहली एकल प्रदर्शनी की मेज़बानी क़तर ने की थी। उसी साल क़तर के अमीर शेख अल थानी की बहन शेखा अल मयस्सा बिन्त हमद बिन ख़लीफ़ा अल थानी भी आर्ट रिव्यू की पावर 100 की सूची में सबसे टॉप पर थीं। वो क़तर संग्रहालत प्राधिकरण की अध्यक्ष हैं। एक समय में ये अफ़वाह थी कि वो एक साल में कला पर एक अरब डॉलर तक खर्च करती हैं। दोहा में इस्लामिक कला का संग्रहालय भी है जो 2008 में खोला गया था। कहा जाता है कि इस संग्रहालय में पिछले 1,400 सालों में तीन महाद्वीपों की इस्लामिक कला के नमूने रखे गए हैं।

 

रईसों का देश लेकिन कुछ ही अमीर?
क़तर एक छोटा सा देश है लेकिन यहां रईस भी कई हैं। इसके तेल और गैस के कुओं और अच्छे निवेश के चलते दुनिया में प्रति व्यक्ति जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में क़तर काफ़ी सबसे बेहतरीन है। सीआईए की वर्ल्ड फ़ैक्ट बुक के मुताबिक 2016 में, क़तर की प्रति व्यक्ति जीडीपी 129,700 डॉलर के क़रीब थी, जबकि क़तर के बाद नंबर था लग्ज़मबर्ग का, जहां की प्रति व्यक्ति जीडीपी से ये 20 हज़ार डॉलर ज़्यादा था। वहीं सोमालिया का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद महज़ 400 डॉलर बताया जाता है।

 

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Posted By: Chandramohan Mishra