- एसआर हॉस्पिटल के दो दिन में मिले हैं सात पॉजिटिव

आगरा। कोरोनावायरस के पेशेंट्स आगरा में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। अब आगरा में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 328 पहुंच गई है। इस सब के बीच एक ¨चता का विषय है कि हॉटस्पॉट एरियाज में भी कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ रही है। पिछले दो दिनों में एसआर हॉस्पिटल से ही सात लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। यानि उनमें कोरोना का संक्रमण हुआ है। पिछले कुछ दिनों में एसआर हॉस्पिटल में इंस्टीट्यूशनल क्वॉरंटीन में रखे गए हैं। अब यहां से लगातार पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। तो क्या इंस्टीट्यूशनल क्वॉरंटीन में संक्रमण फैल रहा है।

लगातार निकल रहे पॉजिटिव

एक अप्रैल को एसआर हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर और उनके बेटे में कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसके बाद हॉस्पिटल को सील कर दिया गया और यहां पर ही सभी को क्वॉरंटीन कर दिया गया। इसके बाद 6 अप्रैल को हॉस्पिटल के लैब टेक्नीशियन और सिस्टर में कोरोनावायरस की पुष्टि हुई। इसके बाद लैब टेक्नीशियन की बेटी और वाइफ में कोरोना का संक्रमण हो गया। अब अन्य सात लोगों में कोरोना का संक्रमण पाया गया है। पिछले दिनों हॉस्पिटल में क्वॉरंटीन किये गए कर्मचारियों ने यहां रखने को लेकर असंतोष भी जताया है।

नहीं माने रहे डब्लूएचओ की गाइडलाइन

21 अप्रैल को तहसील की टीम ने क्वॉरंटीन सेंटर्स का मुआयना किया तो यहां हालात बद से बदतर मिले। यहां पर रह रहे कोरोना सस्पेक्ट्स के लिए न तो ठीक से खाने की व्यवस्था मिली और न ही पीने के पानी के कोई पुख्ता इंतजाम दिखे। यहां पर शौचालय भी गंदे ही मिले। इन क्वॉरंटीन सेंटर्स में एक कमरे में 10-10 लोगों को क्वॉरंटीन करके रखा गया था। जबकि ये डब्लूएचओ की गाइडलाइन का उल्लंघन है। इससे तो वायरस के संक्रमण के बढ़ने का खतरा है। एसएस एजुकेशन सेंटर में 6 कमरों में 42 कोरोना सस्पेक्ट्स को रखा गया है। यहां पर रह रहे कोरोना सस्पेक्ट्स के लिए पानी पीने तक की सुविधा नहीं है। यहां पर एसआर हॉस्पिटल के स्टाफ व अन्य को क्वॉंरटीन करके रखा गया है।

होम क्वॉरंटीन है बेटर ऑप्शन

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आगरा के प्रेसीडेंट डॉ। रविमोहन पचौरी का कहना है कि यदि इंस्टीट्यूशनल क्वॉरंटीन सेंटर्स में मानकों का ध्यान न रखा जाए तो कोरोनावायरस के संक्रमण का खतरा अधिक हो जाता है। इसलिए होम क्वॉरंटीन ज्यादा अच्छा ऑप्शन है। कोरोना सस्पेक्ट अपने घर पर अलग कमरे में आराम से रह सकता है। उसे वहां पर आराम भी मिलेगा और मानसिक तनाव भी नहीं होगा। अपने घर से अलग जगह रहने पर जहां व्यवस्थाएं कमजोर हों, वहां व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान भी हो जाता है। लेकिन होम क्वॉरंटीन के नियमों का कोरोना सस्पेक्ट को कठोर तरीके से पालन करना होगा। विदेशों में होम क्वॉरंटीन का ही उपयोग अधिक किया जा रहा है।

ये हैं गाइडलाइन

- घनी आबादी में न बनाए जाएं क्वॉरंटीन सेंटर्स

- क्वॉरंटीन सेंटर्स पर नर्स या डॉक्टर का होना मेंडेटरी

- सबके लिए अलग-अलग हो वॉशरूम की सुविधा

- कपडे़ धुलाई के लिए लॉन्ड्री सुविधा

- खाना बनाने के लिए मेस होना चाहिए

- दिव्यांगजनों के लिए व्हीलचेयर होनी चाहिए

- डॉक्टर्स के लिए क्लीनिक रूम होना चाहिए

- टीवी, रेडियो व मनोरंजन के साधन होने चाहिए

Posted By: Inextlive