Jamshedpur : कोल्हान यूनिवर्सिटी केयू में बीएड एडमिशन एक बार फिर चर्चा में है. एडमिशन में धांधली हंगामा और मारपीट जैसी स्थिति बनने के बाद इसमें सुधार करने के लिए सेंट्रलाइज्ड इंट्रेंस एग्जाम का मामला गवर्नर हाउस तक पहुंच चुका है.

हजारों कैंडीडेट्स बेरोजगार हैं

केयू में यूजी और पीजी लेवल पर कई वोकेशनल कोर्सेज की पढ़ाई होती है लेकिन बीएड में आखिर ऐसा क्या है कि पूरे साल केयू में यह हॉट टॉपिक बना रहता है। क्या बीएड करने वाले सभी लोग टीचर बन जाते हैं? क्या बीएड कर लेना इंप्लॉइमेंट की गारंटी है? हम इसकी गहराई में गए तो पता चला कि धांधली की भेंट चढ़ चुके इस कोर्स को करने वाले हजारों कैंडीडेट्स बेरोजगार हैं, हर साल इनकी संख्या बढ़ती जा रही है।

हर साल 8 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स करते हैं बीएड कोर्स
स्टेट में कुल 81 कॉलेजेज में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) द्वारा अप्रूव्ड बीएड की पढ़ाई होती है। इन कॉलेजेज से हर साल 8 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स बीएड कोर्स करते हैं। स्टेट में बीएड कोर्स की शुरुआत 2005 में हुई थी। इसके बाद लगातार नए बीएड कॉलेजेज खुलते चले गए और बीएड पास बेरोजगारों की संख्या भी उसी रेशियो में बढ़ती चली गयी।

सभी नहीं बन पाते टीचर
हम आपको बताते हैं कि इतनी संख्या में स्टूडेंट्स बीएड तो करते हैं पर जॉब कितनों को मिल पाती है। लास्ट इयर झारखंड में हुए टीचर्स एलिजबिलिटी टेस्ट (टेट) में क्लास 6 से 8वीं के लिए कुल 43 हजार 128 कैंडीडेट्स क्वालिफाई कर पाए थे। इनमें लगभग 33 हजार बीएड पास थे। कुल वेकेंसी की बात करें तो इनके लिए लगभग 4 हजार वेकेंसीज थीं। यानी बीएड करने के बाद टेट क्वालिफाई करने वाले 33 हजार में लगभग 29 हजार कैंडीडेट्स अनइंप्लॉइड ही रह गए। जहां तक प्राइवेट स्कूल्स में बीएड पास टीचर्स की बात है तो ऐसे टीचर्स की संख्या सिर्फ 30 परसेंट के आस-पास है।

केयू में हैं इतने बीएड कॉलेजेज
कोल्हान यूनिवर्सिटी में कुल 12 बीएड कॉलेजेज हैं। इनमें 8 कांस्टीट्यूएंट और 4 एफिलिएटेड शामिल हैं। सिटी में कुल 6 बीएड कॉलेजेज हैं इनमें 3 कांस्टीट्यूएंट और 3 एफिलिएटेड हैं। सिटी के कांस्टीट्यूएंट बीएड कॉलेजेज में जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज, को-ऑपरेटिव कॉलेज और ग्रेजुएट कॉलेज शामिल हैं। एफिलिएटेड कॉलेजेज में करीम सिटी, लोयला बीएड कॉलेज और नेताजी सुभाष बीएड कॉलेज शामिल हैं। केयू के एक मात्र ऑटोनॉमस वीमेंस कॉलेज में 200 सीट्स हैं जबकि बाकी के कॉलेजेज में 100-100 सीट्स हैं। कांस्टीट्यूएंट और एफिलिएटेड कॉलेजेज में बीएड कोर्स के फीस में काफी डिफरेंस है, जिसमें यूनिफॉर्मिटी लाने की बात की जा रही है।

कहां कितने हैं बीएड कॉलेजेज
जमशेदपुर  6
रांची        17
बोकारो     5
चतरा      2
देवघर     5
धनबाद    9
दुमका     1
बहरागोड़ा  1
गढ़वा      3
गिरिडीह   5
गोड्डा    1
गुमला    1
हजारीबाग 10
कोडरमा    2
लोहरदगा   2
पाकुर      1
पलामू     5
साहिबगंज 1
वेस्ट सिंहभूम 3
(यह डाटा 2013 तक एनसीटीई द्वारा अप्रूव्ड झारखंड के बीएड कॉलेजेज का है)
आई नेक्स्ट की बात सही, पूछे गए कारण
केयू के सेंट्रलाइज्ड बीएड इंट्रेंस एग्जाम को लेकर वेडनसडे को आई नेक्स्ट में छपी खबर सच साबित हुई। आई नेक्स्ट में खबर छपी थी कि सेंट्रलाइज्ड इंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट करने के पीछे के कारणों को जानने के लिए गवर्नर हाउस केयू एडमिनिस्ट्रेशन से कुछ सवाल पूछ सकता है। वेडनसडे को ही गवर्नर हाउस से केयू को लेटर मिला है, जिसमें सेंट्रलाइज्ड इंट्रेंस एग्जाम कंडक्ट कराने को लेकर कुछ सवाल किए गए हैं, जिसका जवाब 10 दिनों के अंदर देने के लिए कहा गया है।
गवर्नर हाउस से लेटर मिला है, जिसमें सेंट्रलाइज्ड बीएड इंट्रेंस एग्जाम को कंडक्ट किए जाने के पीछे के कारणों के बारे में पूछा गया है। सेंट्रलाइज्ड इंट्रेंस एग्जाम पर रोक लगाने जैसी कोई बात नहीं है। 10 दिनों में जवाब भेजना है।
- डॉ डीएन महतो, रजिस्ट्रार, केयू
ऐसा नहीं है कि बीएड करने के बाद टीचर्स को जॉब मिल ही जाएगी। बीएड के बाद कॉम्पटीशन में शामिल होना पड़ता है और उसमें काफी कम कैंडीडेट्स का फाइनल सेलेक्शन हो पाता है। मार्केट में बीएड का हौवा बना हुआ है जबकि ऐसा कुछ नहीं है।
- डॉ उषा शुक्ला,  प्रिंसिपल ग्रेजुएट कॉलेज
ध्यान से देखा जाए तो बीएड करने वाले हजारों स्टूडेंट्स हर साल बेरोजगारों की केटेगरी में आ जाते हैं। मुझे लगता है कि बीएड को इस तरह प्रमोट करने का काम इंस्टीट्यूशंस वाले करते हैं इसमें उनका अपना इंटरेस्ट रहता होगा। इतना इंटरेस्ट किसी दूसरे कोर्स में दिखाया जाए तो जॉब मिलने के चांसेस बढ़ सकते हैं।
- प्रदीप राज, कॅरियर काउंसलर

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Posted By: Inextlive