मेधावियों को मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रिपरेशन कराने के लिए शुरू की गई थी सुपर-100 योजना

इस बार 100 ग‌र्ल्स के साथ 100 ब्वॉइज को भी किया गया शामिल

न स्टडी मटेरियल न बजट, रेगुलर बुक्स से कैसे करेंगे एंट्रेस एग्जाम क्रेक

देहरादून,

मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रिपरेशन कराने के उद्देश्य से शुरू की गई सुपर-100 योजना को इस बार सुपर-200 तो बना दिया. लेकिन, बिना प्रिपरेशन के जल्दबाजी में कराई जा रही कोचिंग पर ही सवाल उठने लग गए हैं. इस बार सुपर-200 योजना 2 चरणों में कराने की तैयारी की गई है, जिसका पहला चरण 3 जून से 30 जून तक दून स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में आयोजित किया जाएगा. कोचिंग के नाम पर जो क्लासेज दी जाएगी, उसमें किसी भी तरह का स्टडी मटेरियल नहीं सब्जेक्ट की बुक्स से ही पढ़ाया जाएगा. ऐसे में सवाल उठता है, इस तरह से एंट्रेस एग्जाम को कैसे क्रेक किया जा सकता है.

12वीं के स्टूडेंट्स शामिल

12वीं में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रिपरेशन के उद्देश्य से समग्र शिक्षा अभियान के माध्यम से सरकारी स्कूलों के मेधावियों को 1 माह तक कोचिंग की योजना पिछले वर्ष से शुरू की गई थी. बीते वर्ष इस योजना में 100 ग‌र्ल्स को शामिल किया गया था, जिनका चयन ब्लॉक स्तर से हुआ था. लेकिन, इस बार 100 ग‌र्ल्स के साथ ही 100 ब्वॉइज को भी इस योजना में शामिल किया गया है. इस बार कोचिंग के लिए किसी कोचिंग क्लासेज के स्टडी मटेरियल नहीं सब्जेक्ट वाइज टॉपिक पढ़ाए जाने का दावा किया जा रहा है. बीते वर्ष शहर के 2 कोचिंग सेंटर्स से स्टडी मटेरियल और प्रेक्टिस सेट लिए गए थे, जिनसे स्टूडेंट्स को प्रिपरेशन भी कराई गई थी. समग्र शिक्षा अभियान के सहायक निदेशक प्रद्युम्न सिंह रावत ने बताया कि इस बार ब्लॉक स्तर के बजाय जिला स्तर से मेधावियों की लिस्ट मांगी गई है, इनमें ब्वाइज और ग‌र्ल्स दोनों शामिल हैं. साथ ही फैकल्टी भी पिछले वर्ष की ही बच्चों को कोचिंग देंगे. उन्होंने बताया कि इस बार किसी भी कोंिचंग सेंटर्स या अन्य स्टडी मटेरियल की हेल्प नहीं ली जाएगी.

योजना पर उठ रहे सवाल

-जिन एक्सपर्ट टीचर्स ने 100 ग‌र्ल्स को कोचिंग दी, वही 200 बच्चों को ट्रेनिंग देंगे.

- बिना स्टडी मटेरियल के मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग कैसे कराएंगे.

- एंट्रेस एग्जाम को क्रेक करने के लिए खास तैयारी होती है, जिसके लिए कई अन्य बुक्स या टॉपिक पढ़ने होते हैं, जिसकी कोई अलग से व्यवस्था नहीं होगी.

- स्टूडेंट्स के चयन के आधार के लिए कोई खास गाइडलाइन नहीं हैं.

- अभी तक बजट की व्यवस्था नहीं, इतनी बड़ी योजना बिना बजट के कैसे संभव है.

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सुपर 100 सुपर 200 में अंतर

सिर्फ ग‌र्ल्स के लिए ब्वाइज, ग‌र्ल्स दोनों के लिए

1 माह तक कोंचिंग 2 चरणों में जून और दिसंबर

पहले क्लास फिर प्रेक्टिस अभी सिर्फ सब्जेक्ट की पढ़ाई

कोंचिग क्लासेज की मदद 1 ही बुक्स से तैयारी

सॉल्ड पेपर की भी हेल्प बुक्स के टॉपिक पर चर्चा

ब्लॉक स्तर से चयन जिले से जितने ब्लॉक उतने बच्चे

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इस बार 100 ग‌र्ल्स के साथ 100 ब्वाइज को भी शामिल किया गया है. जिनको सब्जेक्ट के हिसाब से मेडिकल या इंजीनियरिंग की तैयारी कराई जाएगी.

प्रद्युम्न सिंह रावत, सहायक निदेशक, समग्र शिक्षा अभियान

Posted By: Ravi Pal