पेपर वेस्टेज को कम करने के लिए सीबीएसई ने उठाया नया कदम

एलओसी के नियम के तहत बच्चों को सलेक्ट करना होगा एक ही मीडियम मोड

Meerut। एग्जाम क्वेश्चन पेपर में करोड़ों कागज वेस्ट होने से बचाने के लिए सीबीएसई ने नई पहल की है। इसके तहत इस बार 10वीं और 12वीं के बोर्ड स्टूडेंट्स केवल एक मीडियम में क्वेश्न पेपर चुन सकेंगे। बोर्ड ने इसके लिए एलओसी यानि लिस्ट ऑफ कैंडिडेट्स फिल करने के दौरान ही स्टूडेंट्स से उनका मीडियम भी पूछा है। जिसके आधार पर ही बोर्ड क्वेश्चन पेपर प्रिंट करवाएगा। अभी तक बोर्ड हिंदी और इंग्लिश दोनों मीडियम एक ही क्वेश्चन पेपर में प्रोवाइड करवाता था।

हिंदी का नहीं मिलेगा विकल्प

बोर्ड एग्जाम में स्टूडेंट्स को क्वेश्चन पेपर उसी लैंग्वेज में मिलेगा, जो उन्होंने एलओसी में भरा होगा। अगर स्टूडेंट ने एलओसी में लैंग्वेज मीडियम इंग्लिश भरा होगा तो उसे सिर्फ इंग्लिश में ही पेपर मिलेगा। जबकि हिंदी चुनने वाले को हिंदी और इंग्लिश दोनों लैंग्वेज में प्रिंट हुआ क्वेश्चन पेपर मिलेगा। बोर्ड ने स्कूलों को इस बार स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि एलओसी में स्टूडेंट्स की इंफोर्मेशन भरने से पहले उनकी सहमति जरूर लें।

बच सकेगा कई लाख कागज

बोर्ड के इस फैसले को स्कूल संचालक अच्छा कदम बता रहे हैं। सिटी के स्कूल प्रिंसिपल्स का मानना है कि बोर्ड के इस फैसले से कई करोड़ कागज की बचत हो सकेगी। मेरठ में ही लाखों की संख्या में कागज बचाया जा सकेगा। यहां हर साल 10वीं और 12वीं के करीब 25 हजार स्टूडेंट्स एग्जाम देते हैं। एक एग्जाम पेपर करीब 16 पेज का होता है। जिसमें एक ही क्वेश्चन पेपर हिंदी और इंग्लिश दोनों लैंग्वेज में प्रिंट होता है। ऐसे में हर साल करीब 48 लाख कागजों पर क्वेश्चन पेपर प्रिंट होता है। अधिकतर स्टूडेंट्स इंग्लिश मोड में ही क्वेश्चन पेपर ऑप्ट करते हैं। ऐसे में बोर्ड के नए नियम के मुताबिक 99 प्रतिशत क्वेश्चन पेपर सिर्फ एक ही लैंग्वेज में प्रिंट होंगे। जिसके तहत करीब 24 लाख कागज ही क्वेशन पेपर बनाने में यूज होगा। जबकि इतना ही कागज वेस्ट होने से बचाया जा सकेगा।

ये भी हैं निर्देश

जिन स्टूडेंट्स की ऑनलाइन एलओसी प्रोसेस पूरा नहीं होगा, उन्हें 2020 बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा।

स्टूडेंट्स को सिर्फ वहीं सब्जेक्ट्स ऑफर किए जाएंगे, जो बोर्ड की ओर से स्कूल को स्वीकृत किए गए हैं। ऐसा नहीं होने की स्थिति में बोर्ड स्टूडेंट्स को उस सब्जेक्ट की परीक्षा में बैठने नहीं देगा। वहीं स्कूल की मान्यता भी रद की जा सकती है।

बोर्ड की ओर से ये नियम भी जारी किया गया है कि स्कूलों को तय समय में ही सभी डिटेल्स भेजनी होगी। सभी डिटेल्स एरर फ्री होनी चाहिए।

बोर्ड एग्जाम में अधिकतर स्टूडेंट्स इंग्लिश मीडियम मोड ही चुनते हैं। ऐसे में इस फैसले से स्टूडेंट्स को कोई नुकसान नहीं होगा। जबकि कागज वेस्ट होने से बचाया जा सकेगा।

राहुल केसरवानी, सहोदय अध्यक्ष

Posted By: Inextlive