लाइफ के हर एक पहलू मोमेंट और सिचुएशन से जुड़े कई सवाल हमारे दिल और दिमाग में हमेशा रहते हैं. इनके जवाब हम जानना तो चाहते हैं पर हमें मिलते नहीं. आज हम बात करेंगे ऐसे ही कुछ सवालों और उनके जवाब के बारे में.


उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया, हमारे पास हमेशा प्रॉब्लम्स ही क्यों रहती हैं, क्या वो मेरी इतनी छोटी सी बात को इग्नोर नहीं कर सकता? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो हर वक्त हमारे जेहन में बने ही रहते हैं. इसी तरह के कुछ सवाल हमने पूछे स्पिरिचुअल एजुकेटर ब्रह्मकुमार निकुंज जी से और जाने कि हम अपनी लाइफ को इस तरह के डिप्रेसिंग व्यूज से किस तरह बाहर निकाल सकते हैं और कैसे उसमें और खुशियां भर सकते हैं. हमें हमेशा ऐसा क्यों लगता है कि लोग हमें गलत समझते हैं या हमें गलत तरीके से जज करते हैं?दूसरों को समझना एक स्किल है जो बहुत ही कम लोगों में होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह एक टू वे प्रॉसेस है पर अनफॉच्र्युनेटली हम वही चीजें समझते हैं जो हम समझना या सुनना पसंद करते हैं.


वहीं हम लोगों को गलत सिर्फ अपने अहंकार की वजह से ही समझते हैं. यह अहंकार हमारी आंखों में इरिटेशन करता है और हमें सच को देखने ही नहीं देता. इसका मेन रीजन है हमारा दोहरापन, दूसरों को लेकर भेद-भाव और हमारी इच्छाएं जो दूसरों के समझने के लिए एक बैरियर की तरह काम करती हैं. यही चीजें हमारे रिलेशनशिप्स में कॉन्फ्लिक्ट्स क्रिएट करती हैं.

पर एक्चुअल में मिसअंडरस्टैंडिंग है क्या और हम इसे कैसे दूर कर सकते हैं?मिसअंडरस्टैंडिंग एक डेंजरस डिसीज की तरह है जो हमारे माइंड को बैक्टीरिया से कवर कर देती है और सबकुछ स्पॉइल कर देती है. छोटी सी मिसअंडरस्टैंडिंग से भी किसी पर्सन का एटिट्यूड हमारी तरफ खराब हो सकता है और उसके साथ हमारे फ्यूचर टम्र्स हमेशा के लिए ब्लॉक हो सकते हैं. एक तरीके से यह एक सिग्नल है जो बताता है कि बड़ी प्रॉब्लम्स शुरू होने वाली हैं. एक अच्छी दुनिया में जीने के लिए जरूरी है कि हममें बेटर अंडरस्टैंडिंग का सेंस हो. इसके लिए जरूरी है कि हम हमेशा लोगों की तरह फ्रेंडली, ईजी, पोलाइट और अप्रोचेबल हों, लोगों से कम्यूनिकेट कर पाएं एक-दूसरे की इज्जत और ऑनेस्टी का भी खयाल रखें.  हमें आज पर फोकस करना चाहिए या आने वाले कल पर?

येस्टरडे इज अ हिस्ट्री, टुमॉरो इज अ मिस्ट्री, टुडे इज अ गिफ्ट, दैट्स व्हाई इट्स कॉल्ड प्रेजेंट. हम हमेशा चेंजेस एक्सपीरियंस करते हैं. पर ‘मैं’ जो दुनिया को एक्सपीरियंस करता है और खुद को अपनी चेंज होती बॉडी के थ्रू सबके सामने एक्सप्रेस करता है, हमेशा सेम रहता है. हमें प्रेजेंट पर ही फोकस करना चाहिए और खुद को लेकर अवेयर रहना चाहिए. हमें अपनी टेम्पररी बॉडी को यूज करते हुए चीजों को ऑब्जर्व करते रहना और लाइफ के ग्रेट ड्रामा में पार्टिसिपेट करना चाहिए. इस तरह हम पूरी रिस्पॉन्सिबिलिटी के साथ अपने फिजिकल रोल्स प्ले कर पाएंगे और हमें खुद को ऑब्जर्व करने का भी मौका मिलेगा. हमारी वैल्यूज क्या हैं और क्या हम उन्हें लेकर ऑनेस्ट हैं?लोग हमेशा वैल्यूज के बारे में सिर्फ दो ही वजहों से बात करते हैं. पहली तो ये कि वैल्यूज के बारे में बात करना फैशन हो गया है और दूसरी वजह ये है कि हम एक्सेप्टेंस और दूसरों की तारीफ पाने के लिए डिफरेंट मास्क्स यूज करते हैं. सच तो ये है कि हम चाहे जो भी मास्क पहन लें, वो हमारे रियल सेल्फ को रिप्रेजेंट नहीं करता है. तो इसीलिए जब कोई वैल्यूज की बातें करता है तो हो सकता है कि रिएलिटी में वो उनसे बिल्कुल अपोजिट हो. जिस इंडिविजुअल के पास अच्छे गुण और नैतिकता होती है, वो उन लोगों से कहीं ज्यादा रिच है जो मटीरियलिस्टिक होते हैं.   हमेशा खुश रहने की रेसिपी क्या है?

हमेशा खुश रहने की रेसेपी क्या है?
दो इंपॉर्टेंट इंग्रेडिएंट्स जो लाइफ को जीने के लायक बनाते हैं वो हैं पीस और हैप्पिनेस. हमेशा खुश रहने के लिए जरूरी है हर चीज को उसकी यूनीकनेस और गे्रटनेस के लिए एप्रिशिएट करना. किसी भी इंटरप्शन को अवॉयड करने का बेस्ट तरीका है एक एक्टर और स्पेक्टेटर की तरह वल्र्ड के ड्रामा को एंज्वॉय करना और लाइफ के डिफरेंट रोल्स प्ले करना. साथ ही हमें हमेशा अपने आस-पास के लोगों को प्यार और रिस्पेक्ट देने की कोशिश करनी चाहिए. इनफैक्ट मेडिटेशन से हम उस सुप्रीम पॉवर की प्रेजेंस को एक्सपीरियंस करते हैं, ये भी हमारी लाइफ के बहुत हैप्पी मोमेंट्स होते हैं.Hindi news from Lifestyle News Desk, inextlive

Posted By: Surabhi Yadav