- यूनिवर्सिटी ने प्रवेश नियमावली की विसंगतियों को किया दूर

- 2014-15 की प्रवेश नियमावली पर प्रिंसीपल के साथ किया मंथन

Meerut : सीसीएसयू में अन्य बोर्डो के स्टूडेंट भी आसानी से प्रवेश पा सकेंगे। अन्य बोर्डो के मात्र फ्0 परसेंट कोटे को समाप्त करने का निर्णय लेकर स्टूडेंट्स को राहत दी गई है। मंगलवार को एडेड और राजकीय कॉलेजों के प्रिंसीपल के साथ बैठक करके सेशन ख्0क्ब्-क्भ् के प्रवेश से पहले प्रवेश नियमावली की विसंगतियों को दूर किया गया है।

कोटा सिस्टम खत्म

सेशन ख्0क्ब्-क्भ् के प्रवेश प्रक्रिया को बेहतर बनाने में जुटा है। गत दो वर्षो के कटु अनुभवों को झेलने के बाद प्रवेश नियमावली की विसंगतियों को दूर करने का प्रयास तेज किया जा रहा है। मंगलवार को यूनिवर्सिटी के बृहस्पति भवन में एडेड एवं राजकीय कॉलेजों के प्रिंसीपल के साथ प्रवेश समिति की बैठक आयोजित हुई। इसमें प्रिंसीपल के साथ प्रवेश नियमावली की विसंगतियों का हल निकाला गया। यूपी बोर्ड के अलावा अन्य बोर्ड से इंटरमीडिएट करने वाले स्टूडेंट्स को अब परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। अभी तक यूनिवर्सिटी में अन्य मान्य बोर्डो के मात्र फ्0 परसेंट स्टूडेंट्स ही प्रवेश पा सकते थे, जबकि यूनिवर्सिटी द्वारा नॉर्मलाइजेशन फैक्टर इस्तेमाल करके कट ऑफ जारी की जाती है। इसलिए अब यूनिवर्सिटी ने अन्य बोर्डो के फ्0 प्रतिशत कोटे को समाप्त कर एक समान किया है। अब स्टूडेंट ने किसी भी मान्य बोर्ड से इंटरमीडिएट पास किया है तो उसकी कट ऑफ जारी होने के बाद निर्धारित मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा।

कोटे का मिलेगा फायदा

इसके अलावा वेटेज के कोटे के लिए इंटरमीडिएट के वेटेज को ध्यान में रखा जाएगा। यदि स्टूडेंट के पास इंटरमीडिएट में एनसीसी, स्पो‌र्ट्स या अन्य कोई वेटेज है तो ग्रेजुएट लेवल पर इसका लाभ दिया जाएगा। ग्रेजुएट लेवल पर वेटेज का लाभ पोस्टग्रेजुएट लेवल पर दिया जाएगा। इसके अलावा बैठक में अन्य मामलों पर चर्चा की गई। ट्रेडीशनल तथा वोकेशनल कोर्सो की प्रवेश प्रक्रिया पर मंथन किया गया। अल्पसंख्यक कोटे के कॉलेजों में प्रवेश शासनादेशों के अनुसार करने का फैसला लिया गया। रोवर्स रेंजर्स कार्यक्रम भी कॉलेजों में चलाए जाने पर जोर दिया गया।

वेबसाइट पर रहेंगे लिंक

यूनिवर्सिटी ने प्रवेश प्रक्रिया में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए नया प्रयोग किया जा रहा है। इंटरमीडिएट की फर्जी अंक तालिका लगाकर प्रवेश करने वाले स्टूडेंट्स को एडमिशन के दौरान पकड़ने का खाका तैयार किया गया है। सीबीएसई, आईएसई, यूपी बोर्ड के लिंक यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। यदि व्यवस्था परवान चढ़ी तो प्रवेश के समय बोर्ड से अंकतालिका की सत्यता की जांच करा ली जाएगी। इससे फर्जी अंकतालिका या सही अंक तालिका होने की पुष्टि हो जाएगी।

नहीं होगी सीट बेकार

छात्र का एक कॉलेज की मेरिट लिस्ट में नाम आने के बाद दूसरे या तीसरे कॉलेज की मेरिट लिस्ट में भी नाम आता है और वह एक कॉलेज में प्रवेश लेने के बाद दूसरे कॉलेज में प्रवेश लेता है तो पहले कॉलेज में लिया गया प्रवेश अपने आप ही निरस्त माना जाएगा। पिछले वर्ष खराब अनुभवों के बाद प्रिंसीपल्स ने इस समस्या को उठाया।

देना होगा सीटों का ब्यौरा

सीटों तथा कोर्स कॉम्बीनेशन की समस्याओं पर भी मंथन किया गया। अब कॉलेजों को कोर्स के सापेक्ष निर्धारित सीटों की जानकारी, कोर्स कॉम्बीनेशन की सूची देनी होगी। प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने से पहले ई-मेल के जरिए यह सूचना देनी होगी। यूनिवर्सिटी ने सभी कॉलेजों के पि्रंसीपल को यह सूचना उपलब्ध कराने के एक सप्ताह का समय दिया गया है।

Posted By: Inextlive