भारतीय स्पिन गेंदबाज आर अश्विन का कहना है कि उन्हें आज भी याद है जब 10 साल पहले उन्हें सीएसके टीम से निकाल दिया गया था। उस वक्त ऐसा लगा मानो किसी ने जोरदार तमाचा मारा हो।

नई दिल्ली (पीटीआई)। भारतीय स्पिन गेंदबाज आर अश्विन का कहना है कि टी-20 में गेंदबाजी करना आसान नहीं होता। ये बात उन्हें 10 साल पहले पता चल गई थी, जब दो आईपीएल मैच उनके खराब गए थे। उस वक्त उन्हें अहसास हुआ कि, हर एक मैच महत्वपूर्ण होता है। 'ईएसपीएन क्रिकइन्फो' के लिए क्रिकेटर से कमेंटेटर संजय मांजरेकर के साथ एक पॉडकास्ट के दौरान, अश्विन ने बताया कि 2010 में चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलते हुए उन्हें हकीकत पता चली कि सबकुछ इतना आसान नहीं है।

दो खराब मैच होते ही टीम से बाहर

अश्विन ने 2010 के आईपीएल को याद किया जब उन्हें दो खराब मैचों के बाद सीएसके टीम से बाहर कर दिया गया था। यह किसी जोरदार तमाचे जैसा था। क्योंकि उन्हें लगा कि कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने उनसे "बात नहीं की'। लोगों ने सोचा कि मैं अपने बारे में बहुत सोचता हूं लेकिन ऐसा नहीं था।' अश्विन ने कहा, "मुझे लगा कि टी 20 खेल में गेंदबाजी करना प्रथम श्रेणी के खेल में गेंदबाजी करने से ज्यादा आसान था। मगर जब हम बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ एक मैच में उतरे, तो उस मुकाबले में रॉबिन उथप्पा और मार्क बाउचर ने उनकी इतनी धुनाई की, होश उड़ गए।'

होटल पड़ा था छोडऩा

अश्विन कहते हैं, 'रॉबिन उथप्पा और मार्क बाउचर ने मुझे कठोर सबक सिखाया। मैंने उस मुकाबले में 14वां, 16वां, 18वां और 20वां ओवर फेंका। मुझे विकेट नहीं मिला, लेकिन 40 या 45 रन दे दिए थे जिसके चलते मेरी टीम संकट में फंस गई क्योंकि अगला मुकाबला सुपर ओवर तक चला गया और हम मैच हार गए और मुझे टीम से निकाल दिया गया। यह एक थप्पड़ की तरह लगा।' यह वो समय था जब फ्रेंचाइजी अपने होम मैचों में टीम में शामिल न होने वाले खिलाडिय़ों को निकाल देती थी ताकि होटल का खर्च बच सके। ऐसे में अश्विन को वापस आकर घर पर सीएसके का मैच देखना पड़ा।

खुद के रिकॉर्ड से लड़ रहे हैं

33 वर्षीय अश्विन ने 71 टेस्ट मैचों में 365 विकेट लिए हैं, लेकिन SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में उनके प्रदर्शन ने उन बेंचमार्क को टच नहीं किया जो उन्होंने घर पर बनाए हैं। अश्विन ने इसको लेकर कहा, 'देखिए, एक बात सुनिश्चित है। मैं वास्तव में अपने स्वयं के बेंचमार्क से लड़ रहा हूं। मैं भारत में खेलता हूं और अच्छा प्रदर्शन करता, यह अच्छी बात है। मगर घर के बाहर टेस्ट खेलने पर मुझ पर उतना ही दबाव होता है। मुझे वहां भी वैसा ही प्रदर्शन करना होता है, जितना घर पर करता हूं। दोनों की हमेशा तुलना होती है।' इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की हालिया दो मैचों की टेस्ट श्रृंखला में, अश्विन को पहला मैच खेलने को मिला था मगर दूसरे टेस्ट में उन्हें बाहर कर रवींद्र जडेजा को टीम में इंट्री दी गई।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari