छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर के 157वीं जयंती के अवसर पर साकची स्थित रवींद्र भवन में बुधवार को टैगोर सोसाइटी के बैनर तले रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ साढे पांच बजे प्रभात फेरी के साथ हुआ। प्रभात फेरी रवींद्र भवन परिसर से निकलकर बागे जमशेद चौक, साकची बड़ा गोलचक्कर, बंगाल क्लब चौक, जुबिली पार्क चौक होते हुए पुन: रवींद्र भवन परिसर पहुंचकर समाप्त हुआ। इसके बाद टैगोर सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ। एचएस पाल समेत उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों ने कविगुरु को श्रद्धासुमन अर्पित किया। मौके पर अध्यक्ष एचएस पाल ने कहा कि कविगुरु की रचनाएं कालजयी और प्रेरणादायी है। जिसका नतीजा है कि 157 वर्ष के बाद भी लोग उसी जोश के साथ उनकी जयंती मनाते हैं। टैगोर सोसाइटी के महासचिव आशीष चौधरी ने कहा कि कविगुरु को श्रद्धांजलि के माध्यम से युवाओं को जोड़ने का कार्य किया जा रहा है, ताकि वे अपने समृद्ध अतीत को जान सके।

हस्तकला प्रदर्शनी आयोजित

जयंती समारोह के दौरान टैगोर एकेडमी के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हस्तकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। मौके पर टैगोर स्कूल ऑफ आर्टस की टेल्को शाखा द्वारा विचित्रेर नर्मो बांसी नृत्य-संगीत का मंचन किया गया, जिसमें नोबो आनंदो जागो, सेई दिन दू जोने, दुलेछिनु बोने एशो श्यामलो सुंदरो प्रस्तुत किया गया। इसके बाद बारीडीह और केबुल टाउन स्कूल ऑफ आर्टस की शाखा ने संयुक्त रूप से रितु रंगो नृत्य गीती का मंचन किया, जिसमें हे चिरो नूतन, ऐशो हे बैशाख, कोन पुरातन प्राणेर टाने आदि का मंचन किया गया। सोनारी शाखा द्वारा आजी जोतो तारा तोबो आकाशे का नृत्य संगीत का मंचन किया गया। कदमा शाखा द्वारा आनंदो गान बाजे नृत्य संगीत प्रस्तुत किया गया। मौके पर रवींद्र भवन स्थित टैगोर स्कूल ऑफ आर्टस के कलाकारों द्वारा अनुभव नृत्य व गीत का मंचन किया गया।

रवींद्र भवन में गुरुवार दस मई को भी गुरुवर का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। गुरूवार को टैगोर एकेडमी के शिक्षक, शिक्षिका व कर्मचारियों द्वारा नृत्य, संगीत व स्त्रुती नाटक द्वारा श्रद्धासुमन दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive