सलमान खान को फिल्म 'राधे' से जितनी उम्मीद थी यह उतनी कमाई नहीं कर पाई। सिनेमा हाॅल बंद होने से वैसे ही टारगेट छोटा था मगर शुरुआती दिनों में फिल्म को उतना ज्यादा रिस्पांस नहीं मिला।

मुंबई (मिडडे)। सलमान खान की जब फिल्म रिलीज होती है तो ताबड़तोड़ कमाई होती हक्। बॉक्स-ऑफिस पर नए रिकॉर्ड बनते हैं। इस बार, 'राधे: योर मोस्ट वांटेड भाई' की कमाई उतनी नहीं हो पाई, जितनी उम्मीद थी। यह फिल्म 13 मई को ओटीटी और ZeePlex पर रिलीज हुई। जीप्लेक्स पर पे पर व्यू माॅडल से फिल्म निर्माताओं को कुछ खास फायदा नहीं हुआ।

लक्ष्मी से है फिलहाल पीछे
रिपोर्टों के अनुसार, प्रभुदेवा द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने डिजिटल आउटिंग से पहले दिन लगभग 108 करोड़ रुपये कमाए हैं। ओरमैक्स मीडिया के शैलेश कपूर, जो मीडिया अनुसंधान और ट्रैकिंग में माहिर हैं, वह कहते हैं। "हमारे अनुमान से पता चलता है कि लगभग आठ से 10 मिलियन लोगों ने यह फिल्म देखी है, जिसमें से चार मिलियन ने इसे पहले दिन देखा है। लेकिन देखा जाए कि राधे फिल्म पे-पर-व्यू मॉडल पर हिट हुई कि नहीं, इसका अंदाजा लगाना जल्दबाजी होगी। फिल्म को वैसे भी ज्यादा लोगों ने पसंद नहीं किया। उम्मीद थी कि यह 30 मिलियन लाइफटाइम व्यूज लाएगी। अक्षय कुमार की फिल्म 'लक्ष्मी' को लगभग 20 मिलियन व्यूज मिले थे। लेकिन उस फिल्म को डिज़्नी+ हॉटस्टार पर होने का फायदा हुआ, जिसकी दर्शकों की संख्या किसी भी अन्य प्लेटफाॅर्म की तुलना में चार गुना है।”

रिव्यूज का ओटीटी पर पड़ता है असर
सलमान खान की फिल्म को भले ही खराब रेटिंग मिली हो मगर इसने बाॅक्स ऑफिस के आंकड़ों को कभी प्रभावित नहीं किया है। कपूर कहते हैं, 'डिजिटल मनोरंजन में नियमों में काफी बदलाव किया गया है। सलमान के दर्शक टियर -2 और 3 शहरों के हैं, जो ओटीटी दर्शकों से अलग है। स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के मामले में रिव्यूज अधिक मायने रखते हैं क्योंकि दर्शक इस बात से सावधान रहते हैं कि वे क्या भुगतान कर रहे हैं।'

पायरेसी के चलते सक्सेस नहीं है पे-पर-व्यू माॅडल
ट्रेड एनालिस्ट और एक्जीबिटर अक्षय राठी का कहना है कि दर्शकों की बड़ी संख्या के बावजूद, रणदीप हुड्डा और दिशा पटानी स्टारर फिल्म की कमाई कम है क्योंकि यह पायरेसी से प्रभावित है। “बड़ी संख्या में लोगों ने राधे को टेलीग्राम पर डाउनलोड किया या इसे स्थानीय पायरेसी की दुकान से प्राप्त किया। पे-पर-व्यू मॉडल पायरेसी के कारण भारत में शायद ही सक्सेस हो पाए। कानून कहता है कि दोषियों को छह महीने की सजा काटनी होगी या 3 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना देना होगा, लेकिन इसे कभी लागू नहीं किया गया। यह खेदजनक है क्योंकि यह निर्माताओं का नुकसान है।"

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari