आरबीआई के गर्वनर पद को संभील रहे रघुराम राजन ने स्‍टार्ट अप पर खुल कर बात करी। उन्‍होनें कहा की भारत में लाइसेंस राज तो खत्‍म हो गया है पर इंस्‍पेक्‍टर राज काफी हद तक अब भी जारी है। कारोबार के लिए बेहतर मौहाल देना है तो इस एरिया में भी काम करना होगा।

कारोबारियों के अनुसार हो रेगुलेशन
उन्होंने कहा कि रेगुलेशन उद्योग की बेहतरी के लिए होना चाहिए, न कि उद्यमियों को हतोत्साहित करने के लिए। उन्होंने उद्योग के लिए सेल्फ-सर्टिफिकेशन का सिस्टम लागू करने और शक्तियों का दुरुपयोग रोकने को अधिकारियों पर अंकुश लगाने का सुझाव दिया। यहां चौथे ओडिशा नॉलेज हब कार्यक्रम में मंत्रियों, बैंकरों, ब्यूरोक्रेट्स और अन्य लोगों को संबोधित करते हुए राजन ने कहा कि छोटे और मझोले उद्योगों के लिए आसान रेगुलेशन होना चाहिए। उन्होंने ब्रिटेन और इटली का उदाहरण देते हुए कहा कि जब ब्रिटेन में रेगुलेशन उदार था और इटली में सख्त था, तब स्टार्ट अप्स ब्रिटेन में इटली के मुकाबले ज्यादा तेजी से विकसित हुए।
राज्य सरकार मदद के लिए आए साथ
छोटे और मझोले उद्योगों के विकास पर जोर देते हुए राजन ने कहा कि राज्य सरकारों और अन्य एजेंसियों के लिए उनका हाथ पकड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि छोटे उद्योगों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। उन्हें पूंजी की सुलभता सुनिश्चित करने के लिए नई एजेंसियों का गठन किया जाना चाहिए। राजन ने कहा कि मझोले उद्योगों के कर्ज को प्राथमिकता क्षेत्र में शामिल किए जाने के बाद लघु व मझोले उद्योगों को सार्वजनिक बैंकों की ओर से कर्ज बढ़ा है। अगर उन्हें दूसरी सुविधाएं देने की पहल की जाए तो उनका तेज विकास होने की पूरी संभावना है। अर्थव्यवस्था की चर्चा करते हुए आरबीआई प्रमुख ने कहा कि देश में आर्थिक रिकवरी हो रही है लेकिन कुछ क्षेत्र अभी भी दबाव में हैं। अच्छा मानसून आने से देश की आर्थिक विकास दर को रफ्तार मिलेगी।

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Posted By: Ruchi D Sharma