राहुल गांधी ने राज्यसभा में सांसदों की कथित पिटाई को बताया देश के लोकतंत्र की हत्या, कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्षी दलों ने किया पैदल मार्च
नई दिल्ली (एएनआई)। तीन कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर राहुल गांधी समेत विपक्ष के अन्य नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक मार्च किया। इस दाैरा उन्होंने राज्यसभा में महिला सदस्यों के साथ कथित बदसलूकी को मामले को लेकर भी सरकार को घेरा है। राहुल गांधी ने कहा कि हमने सरकार से पेगासस पर बहस करने के लिए कहा लेकिन सरकार ने पेगासस पर बहस करने से मना कर दिया। हमने संसद के बाहर किसानों का मुद्दा उठाया और हम आज यहां आपसे(मीडिया) बात करने आए हैं क्योंकि हमें संसद के अंदर नहीं बोलने दिया गया। ये देश के लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में पहली बार सांसदों की पिटाई की गई, बाहर से लोगों को बुलाकर और नीली वर्दी में डालकर सांसदों से मारपीट की गई।
Delhi | Opposition leaders march towards Vijay Chowk from Parliament demanding repeal of Centre's three farm laws pic.twitter.com/y9E3U5PxES
— ANI (@ANI)
पीएम दो-तीन उद्योगपतियों को हिन्दुस्तान की आत्मा बेच रहे हैं
इस दाैरान राहुल गांधी ने पीएम मोदी को घेरते हुए कहा कि हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री दो-तीन उद्योगपतियों को हिन्दुस्तान की आत्मा बेच रहे हैं। इसलिए विपक्ष सदन के अंदर किसानों, बेरोजगारों, इंश्योरेंस बिल और पेगासस की बात नहीं कर सकता है। वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने भी कहा कि हमने कल लोकतंत्र की हत्या होते देखी, राज्यसभा में कल जिस तरह से प्राइवेट लोगों ने मार्शल की ड्रेस में आकर हमारे सांसदों पर हमला करने की कोशिश की। ये मार्शल नहीं थे, संसद में मार्शल लॉ लगाया गया था। हालांकि इस पूरे मामले में भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी संसद से सड़क तक अराजकता फैल रही है।
भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पार्टी पर लगाए ये गंभीर आरोप
भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा कि जिस प्रकार का व्यवहार आज कांग्रेस पार्टी और कुछ अन्य विपक्षी पार्टियां सड़क पर उतरकर कर रही हैं। जिस प्रकार अराजकता संसद के अंदर विपक्षी पार्टियों और खासकर राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने दिखाया है उससे पूरा देश और लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। संसद के इतिहास में पहली बार हुआ है कि लॉबी में कांच का गेट तोड़ दिया गया जिससे एक सुरक्षाकर्मी भी हताहत हुई है। वो भी अस्पताल में है। ये वही विपक्षी हैं जो कह रहे थे कि संसद का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए मगर जब सत्र चल रहा था तब वैश्विक महामारी कोरोना वायरस पर एक दिन भी चर्चा नहीं होने दी है।