उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे चाहे जो भी रहें लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनेताओं द्वारा की गई चुनावी रैलियों की संख्या की बात हो तो उसमें कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी आगे दिखते हैं. उन्होंने सूबे के अलग-अलग हिस्सों में 211 रैलियां कीं.


राजनीतिक पार्टियों के प्रमुख नेताओं के चुनाव प्रचार अभियान के आंक़डों पर नजर डालें तो उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव प्रचार में राहुल ने सूबे के अलग-अलग हिस्सों में 211 रैलियां कीं. समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 200, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने 59, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने 96 तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष नितिन गडकरी ने ग्रामीण और शहरीं क्षेत्रों को मिलाकर करीब 80 रैलियां कीं.


सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने से कहा,""केवल रैलियों की संख्या अधिक होने से कुछ नहीं होता. यह भी महत्वपूर्ण है कि आपकी रैली में जनसमूह कितना पहुंचा और उसमें से कितने आपको वोट करने वाले लोग है." भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के पास चेहरों का अभाव है. एक ही व्यक्ति पर पूरे चुनाव की जिम्मेदारी थी तो स्वाभाविक है उसे ही राज्यभर में प्रचार के लिए जाना प़डेगा.

भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक  से कहा, ""इस चुनाव में कांग्रेस के पास राहुल के अलावा कोई दूसरा चेहरा ही नहीं था. पूरी पार्टी उन्हीं के भरोसे चुनाव ल़डी. वहीं भाजपा में तो नेताओं की पूरी फौज थी. पार्टी के दो दर्जन से ज्यादा ब़डे चेहरे चुनाव प्रचार अभियान में लगे थे."पाठक ने कहा, "" वैसे भी रैलियों की संख्या से चुनाव के नतीजों पर फर्क नहीं प़डता। अगर ऎसा होता तो बीते वर्ष बिहार विधानसभा चुनाव में राहुल ने करीब 70 रैलियां की थीं, लेकिन नतीजा क्या सामने आया सबको पता है."गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण का मतदान शनिवार को होगा. सातवें चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और रुहेलखंड क्षेत्र के 10 जिलों की 60 सीटों पर मतदान होना है. इस चरण में जिन 10 जिलों में मतदान होना है, उनमें लखीमपुर खीरी, बरेली, शाहजहांपुर, रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, भीमनगर, बदायूं, पीलीभीत और अमरोहा शामिल हैं.

Agency

Posted By: Kushal Mishra