- बॉलीवुड फिल्म रेड से मेल खाती है लूट कांड की कहानी

- ईश्वरन के घर वारदात के चार दिन बाद भी उलझन में पुलिस

- कभी संदेह, कभी सच्चाई के फेर में गुत्थी सुलझाने की मशक्कत

देहरादून

अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी के संचालक और शहर के जाने माने चार्टर्ड एकाउंटेट आरपी ईश्वर के घर में घुसकर करोड़ों का माल बटोर ले जाने का कांड पुलिस के लिए तिलिस्म बन गया है। इसकी स्क्रिप्ट बॉलीवुड फिल्म रेड को देखकर रची गई लगती है। पुलिस इस तिलस्मी कहानी का रहस्य खोजने के लिए रेड मूवी के सीन बार बार देखकर चर्चा कर रही है। जिस तरह रेड में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम घर की दीवारें, छत और फर्श को सिक्कों से ठोककर चेक करती है, इस घटना में उस तरह की बात सामने आई।

ईश्वरन के घर संडे रात हुए घटनाक्रम में बदमाशों के घर की दीवारों और फर्श को सिक्कों से ठोक-बजाकर चेक करने वाली बात की सच्चाई चेक करने के लिए पुलिस ने मालिक और नौकरों से अलग-अलग पूछताछ की। उनके बयानों में अंतर आ गया। कोई कह रहा है घर में घुसे बदमाशों ने दीवारों और फर्श को सिक्कों से ठोक-बजाकर चेक किया कि उनके पीछे कोई कैविटी तो नहीं, जबकि कोई कह रहा है, बदमाशों ने ऐसा कुछ नहीं किया। इसी घर की तलाशी में पुलिस के हाथ एक ऐसी सॉलिड डॉक्यूमेंट्री एविडेंस लगा है, जिसमें लिखा कोई गणित वारदात का खुलासा करने के लिए काफी है, अब बस तलाश है तो सूत्रधारों की, जो लोग ईश्वरन फैमिली के मोबाइल सड़क किनारे झाडि़यों में छिपाते हुए सीसीसीटी कैमरे में रिकॉर्ड हो गए, वे इस तिलिस्मी कांड के खुलासे की चाबी हैं, पुलिस उनके पीछे हैं।

रेड फिल्म से मेल खाता लुटरों का खेल:

ईश्वरन के घर हुई वारदात में जो कुछ पुलिस को बताया गया वह किसी सरकारी जांच एजेंसी की सर्च जैसा है। जिस तरह इनकम टैक्स और प्रवर्तन निदेशालय की टीम किसी पर कार्रवाई करती है, सब कुछ उसी तरह किया गया। हां सिर्फ हथियार लेकर एंट्री करने वाली बात क्रिमिनल्स जैसी थी। चार लोगों का एंट्री करना, परिवार के सदस्यों की हेल्थ के हालचाल पूछना, मारपीट करने और बीमारी की बात कहने पर मारपीट बंद कर बडे़ ही सलीके से बात करना। घर के एक-एक कोने की तलाशी लेना। यहां तक भी भगवान की मूर्तियां तक तोड़ देना। महंगा सजावटी सामान तोड़कर देखना। दीवारों, छत और फर्श को सिक्कों से ठोक-ठोक कर देखना कि उसके पीछे कुछ छिपा तो नहीं। यह सब किसी सरकारी एजेंसी की छापेमारी में ही होता है। ऐसा तरीका रेड मूवी में दिखाया गया है।

'कलाकारों' की तलाश में पुलिस:

ईश्वरन के घर में सरकारी रेड की तरह वारदात में पुलिस खुलासे के बेहद करीब होने का दावा तो कर रही है। लेकिन इस फिल्मी टाइप स्क्रिप्ट का एक भी 'कलाकार' अभी पुलिस के हाथ नहीं लग पाया है। पुलिस का कहना है कि जिन लोगों का इस वारदात में हाथ है वे इतनी सफाई से घर में घुसे और निकल गए, कि उनके खिलाफ कोई सुराग हाथ नहीं लग रहा। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इन कलाकारों के हाथ में आते इस केस का पर्दाफाश कर दिया जाएगा। इस केस को लेकर एसपी सिटी,सीओ मसूरी और राजपुर समेत तीन थानाधिकारी काम कर रहे हैं, लेकिन वे भी इनवेस्टिगेशन का डेवलपमेंट बताने का तैयार नहीं।

कहानी में कई संदेह, लेकिन पीडि़त परिवार से बात कर ठिठक जाती है पुलिस:

ईश्वरन के घर हुई वारदात की कहानी में पुीिलस के सामने संदेह बढ़ते जा रहे हैं। पुलिस घटना की कड़ी से कड़ी जोड़ती है तो मामला किसी बड़े नाटक जैसा नजर आता है, एक पल के लिए पुलिसवालों को लगता है कि बस वारदात अब खुली के तब। लेकिन ईश्वरन और उनके परिवार से बात करती है तो उनकी आंखों का दर्द देखकर पुलिसवालों के कदम फिर ठिठक जाते हैं। पुलिस को एक पल के लिए लगता है कि जल्दबाजी ठीक नहीं, कोई ठोस सुराग जुटाना चाहिए। इस केस में पुलिस अपनी जांच के परंपरागत तरीकों से हटकर वर्क कर रही है। पीडि़त परिवार के साथ सहानुभूति भी दिखा रही है, उनसे बातचीत में सामने आते जा रहे फैक्ट्स की सच्चाई का पता लगाने के लिए कई बार कठोर तरीके भी इस्तेमाल कर रही है।

Posted By: Inextlive