- एक पुलिस वाले को तीन अपराधियों का मिलेगा जिम्मा

-ट्रेनों में चोरी की वारदातें सबसे अधिक, 50 परसेंट चोरी की घटनाएं

-मार्च महीने में 77 क्राइम की वारदातें दर्ज की है रेल पुलिस ने

PATNA: पटना रेल पुलिस ने ऐसे 70 क्रिमिनल्स को आईडेंटिफाई किया है, जो रेगुलर सिर्फ ट्रेनों में ही अपराध करते हैं। कई तरह की वारदातों को अंजाम देने में इनके नाम आए हैं। अब रेल पुलिस इन अपराधियों पर खास नजर में रखेगी। यही नहीं, एक पुलिस वाले को तीन-तीन ऐसे अपराधियों को लिस्ट थमा दी गई है, जो उसके बारे में पूरी जानकारी रखेंगे। वह कब जेल में है, कब छूट रहा, कहां जा रहा, आ रहा, साथ ही अगर वह क्रिमिनल पटना से अगर बाहर है, तो उसकी भी जानकारी उक्त पुलिसकर्मी के पास रहेगी। इस संबंध में रेल एसपी पीएन मिश्रा ने बताया कि एक एसआई या फिर एएसआई को तीन-तीन कुख्यात अपराधियों का रिकॉर्ड रखना है। वे अगर कुछ करते हैं, तो इसकी जबाबदेही भी उक्त ऑफिसर की ही होगी। रेल एसपी ने कहा कि अब तक हमने ऐसे 70 को चिह्नित किया है और काफी इंवेस्टिगेशन के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि ये लोग सिर्फ और सिर्फ रेलवे को ही निशाना बनाते हैं। अगर पटना से पांच दिन के लापता हुए, तो समझिए किसी दूसरी जगह रेल में ही वे अपराध कर रहे हैं। वे जिलों में क्राइम नहीं कर सकते। रेल एसपी मार्च के अपराध पर आफिसर्स के साथ मीटिंग कर रहे थे।

कई इन एरिया के बाहर भी

ट्रेनों में सफर करने वालों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत सामानों की चोरी है। रेल में होने वाले कई तरह के अपराधों में नम्बर वन पर अब भी चोरी के मामले बने हुए है। कुल हुए क्राइम में भ्0 परसेंट कांड चोरी के दर्ज किए हैं। बाकी में लूट, डकैती, हत्या सहित अन्य कांड। हालांकि रेल एसपी का दावा है कि कई चोरियां उनके एरिया से बाहर होती और पैसेंजर सोते हुए पटना आ जाते है ऐसे में यहां टर्मिनल होने के कारण मामला दर्ज करना पड़ता है।

क्7 सीरियस केस का जिम्मा डीएसपी को

इस साल मार्च महीने में 77 केस दर्ज हुए है। वहीं पिछले साल मार्च में ही यह आकड़ा क्08 था। रेल एसपी ने बताया कि क्7 सीरियस केस के चिह्नित कर उसकी जांच की जिम्मा डीएसपी को दिया है। वहीं, म्भ् कांडों की जांच इंस्पेक्टर करेंगे। सिर्फ एक ही किडनैपिंग का मामला सामने आया था, जो फॉल्स हुआ है। रेल पुलिस ने ब्फ् मामलों का उद्भेदन कर लिया है, जबकि फ्ख् में कोई सुराग नहीं मिल पाया है। साथ ही ब् मामले ऐसे हैं, जिनका एक महीन में ही इंवेस्टिगेशन पूरा हो गया है। रेल एसपी ने बताया कि पांच साल में जेल से छूटे अपराधियों की भी पूरी जानकारी रखी जा रही है, साथ ही सबूतों पर खास ध्यान है कि कोर्ट से पकड़े गए अपराधियों को जमानत न हो और उन्हें सजा दिलवाई जा सके इस पर जोर दिया जा रहा है।

Posted By: Inextlive