कांप गया पैसेंजर्स का मन जब बोगी छोड़ गया इंजन
कप¨लग टूटने से दो पार्ट में बंटी पवन एक्सप्रेस, मच गया हड़कम्प
-कटका स्टेशन से पहले रैक को छोड़ इंजन एक किमी आगे बढ़ा VARANASI मुम्बई से दरभंगा जाने वाली पवन एक्सप्रेस में बुधवार को सफर कर रहे पैसेंजर्स की जान उस वक्त हलक में आ गयी जब मंडुवाडीह-इलाहाबाद रूट पर स्थित कटका रेलवे स्टेशन के समीप बोगियां इंजन से अलग हो गयीं। दहशत में यात्री चीखने-चिल्लाने लगे। इंजन करीब एक किलोमीटर आगे बढ़ गया तो कोच बगैर इंजन के ही आगे सरकता रहा। गनीमत रही कि कुछ दूर आगे जाने के बाद बोगियां खुद रुक गयीं जिससे बड़ा हादसा टल गया। फैल गयी दहशतलोकमान्य तिलक टर्मिनस से दरभंगा तक चलने वाली 11061 डाउन पवन एक्सप्रेस दोपहर एक बजे निर्धारित समय से कटका स्टेशन पार कर रही थी। आउटर सिग्नल के पास कोचेज से जुड़ा इंजन अलग हो गया और एक किमी तक आगे चला गया। वहीं बोगियां भी धीरे-धीरे बढ़ती रहीं। थोड़ी दूर जाकर स्पीड धीमी होने के कारण खड़ी हो गई। इंजन के लोको पायलट को जब इसकी जानकारी हुई तो हतप्रभ रह गया। आनन-फानन में इंजन को रोककर सूचना स्टेशन मास्टर को दी। बैक सिग्नल पर इंजन रैक तक वापस पहुंचा। लेकिन कप¨लग नहीं जुट सकी। इसके बाद चालक ने इंजन फेल होने की सूचना दी।
दो घंटे बाद पहुंचा इंजन मौके पर करीब दो घंटे बाद दूसरा पॉवर इंजन आया। इसके बाद दोपहर 3.25 बजे ट्रेन आगे के लिए रवाना की जा सकी। कोचेज अलग होने का एहसास होते ही पैसेंजर्स में हड़कंप मच गया। हालांकि कोई अप्रिय घटना नहीं घटित हुई और सुरक्षित बोगियां रुक गई तो यात्रियों ने राहत की सांस ली। इस दौरान दो घंटे अधिक वक्त तक यात्री कटका में ही फंसे रहे। खड़ी रही ट्रेन से यात्रियों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ा। हुई लापरवाही एनई रेलवे के ऑफिसर्स के अनुसार इलाहाबाद में रिवर्स इंजन लगाते समय कपलिंग को जोड़ने में लापरवाही हुई होगी। प्रथम दृष्टिया यही जानकारी मिली है कि कपलिंग को ठीक ढंग से लॉक नहीं किया गया था जिससे इंजन रैक से अलग हो गया। ऑफिसर्स का कहना है कि कटका स्टेशन के यार्ड में घटना घटी और इंजन को महज दो सौ मीटर के अंदर में रोक दिया गया। स्टेशन से गुजरते समय ट्रेन की स्पीड भी धीमी थी।कटका में इंजन फेल हो गया था। इंजन को कोच से जोड़ने वाली कपलिंग खराब हो गई थी। दोबारा जोड़ने की कोशिश हुई लेकिन सफलता नहीं मिली तो मंडुवाडीह से दूसरा पॉवर इंजन भेजा गया।
अशोक कुमार, पीआरओ एनई रेलवे, वाराणसी डिवीजन