-रेलवे का पेपरलेस सिस्टम बिना इंटरनेट का फोन रखने वाले पैसेंजर्स के लिए बना परेशानी का सबब

-कोचेज व प्लेटफॉर्म से रिजर्वेशन चार्ट हटाने से अपनी सीट का पता करने में हो रही मुश्किल

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रेलवे का पेपरलेस सिस्टम पैसेंजर्स को दर्द दे रहा है। खासकर उनके लिए जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है। दरअसल पेपर बचाने के लिए ट्रेन्स के रिजर्वेशन कोचेज से चार्ट हटा लिया गया है। नई व्यवस्था के तहत अब कोचेज व प्लेटफॉर्म पर चार्ट नहीं लगाया जाता है। इससे स्टेशन पर अपनी ट्रेन पकड़ने पहुंच रहे उन पैसेंजर्स को सबसे ज्यादा परेशान होना पड़ रहा है जिनके पास एंड्रायड फोन नहीं होता है। वे संबंधित ट्रेन में अपनी सीट का स्टेटस देख नहीं पा रहे हैं। चूंकिरिजर्वेशन सेंटर से इंक्वायरी का काउंटर भी बंद किया जा चुका है। इसलिए पैसेंजर्स के पास अपनी सीट का स्टेटस जानने के लिए मोबाइल फोन ही एकमात्र ऑप्शन है। ऐसे में कैंट स्टेशन सहित सिटी के अन्य स्टेशंस पर दूर दराज से जर्नी के लिए पहुंच रहे बहुत सारे पैसेंजर्स को सीट का स्टेटस जानने के लिए टीटीई का इंतजार करना पड़ता है।

अब तो बदल गया कम्प्लेन

रेलवे को लंबे समय से पैसेंजर्स की कम्प्लेन मिल रही थी कि ओरिजिनेटेड स्टेशन से ट्रेन के रवाना होते ही या बीच रास्ते में उस पर लगाये गये रिजर्वेशन चार्ट या तो फट जाते हैं या हवा में उड़ जाते हैं। पैसेंजर्स की इस परेशानी को देखते हुए रिजर्वेशन कराने वाले यात्रियों से उनका मोबाइल नंबर लिया जाने लगा है। ताकि संबंधित ट्रेन का चार्ट बन जाने पर रिजर्वेशन टिकट ले चुके पैसेंजर के कांटैक्ट नंबर पर सीट से रिलेटेड मैसेज भेजा जाए। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। भले मेट्रो सिटीज में इसे फॉलो किया जाता हो लेकिन बनारस में कांटैक्ट नंबर पर रेलवे की ओर से कोई जवाब नहीं दिया जाता है। जिससे यहां से अपना टिकट रिजर्व कराने वालों को बहुत प्रॉब्लम होती है। उनको अपनी सीट का स्टेटस ही पता नहीं चल पाता है। जब टीटीई कोच में आता है तब उन्हें सीट की जानकारी हो पाती है।

गर लग जाए ई चार्ट

ऐसे में यदि बनारस से ओरिजिनेटेड सभी ट्रेन्स के कोचेज पर ई-चार्ट लगा दिया जाए तो जिन पैसेंजर्स के पास एंड्रायड फोन नहीं है उनकी इस समस्या का अपने आप समाधान हो जाएगा। हालांकि मोबाइल मैसेज, इंटरनेट के बढ़ते चलन और रेलवे की 139 सर्विस द्वारा भी आरक्षित कोच में सीट की इंफॉर्मेशन मिल जा रही है। लेकिन यह सर्विस फ्री नहीं है। बल्कि इसके बदले में रेलवे की ओर से चार्ज वसूला जाता है।

वर्जन--

कैंट स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर व ओरिजिनेटेड ट्रेन्स के कोचेज पर ई-चार्ट लगाने का प्रपोजल पाइपलाइन में है। जल्द ही इसे इंस्टाल कर लिया जाएगा।

आनंद, डायरेक्टर

कैंट स्टेशन

प्वाइंट टू बी नोटेड

-कैंट स्टेशन से पीक सीजन में डेली एक लाख से अधिक लोगों का आना जाना रहता है।

-यहां से आफ सीजन में 70 से 80 हजार लोग डेली आते जाते हैं।

-कैंट स्टेशन से 250 मेल व एक्सपे्रस ट्रेन्स होकर गुजरती हैं।

-कैंट स्टेशन से डेली 40 ट्रेन्स ओरिजिनेट होती हैं।

-इंटरसिटी ट्रेन भी यहां से आसपास के शहरों के लिए रवाना होती हैं।

-कैंट स्टेशन से मेट्रो सिटीज को जाने के लिए ट्रेन्स अवेलेबल हैं।

Posted By: Inextlive