- रोडवेज बस स्टेशन पर हवा-हवाई थर्मल स्कैनर की व्यवस्था - रेलवे रिजर्वेशन काउंटर पर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कराना भूले जिम्मेदार - काउंटर पर आने वाली आम पब्लिक को भी डिस्टेंस मेंटेन की नहीं है चिंता GORAKHPUR: अनलॉक-1 के तहत ट्रेन और बसों का संचालन तो शुरू कर दिया गया लेकिन जिस सोशल डिस्ट

- रोडवेज बस स्टेशन पर हवा-हवाई थर्मल स्कैनर की व्यवस्था

- रेलवे रिजर्वेशन काउंटर पर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कराना भूले जिम्मेदार

- काउंटर पर आने वाली आम पब्लिक को भी डिस्टेंस मेंटेन की नहीं है चिंता

GORAKHPUR: अनलॉक-1 के तहत ट्रेन और बसों का संचालन तो शुरू कर दिया गया, लेकिन जिस सोशल डिस्टेंसिंग के तहत जिम्मेदारों ने बेहतर व्यवस्था के तहत संचालन का दंभ भरा था, वे उसे ही भूल गए। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियल्टी चेक में इस बात का खुलासा हुआ है। हाल ये कि गोरखपुर डिपो पर सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजर और थर्मल स्कैनिंग के नाम पर महज खानापूर्ति हो रही है। गोरखपुर डिपो में खड़ी बसों को छोड़ बाकी डिपो से आने वाले बसों के कंडक्टर्स को न तो सेनेटाइजर प्रोवाइड कराया गया है और न ही थर्मल स्कैनर की ही कोई व्यवस्था है। जबकि यूपी रोडवेज के एमडी ने सभी रीजनल मैनेजर को इसके लिए सख्त निर्देश जारी किए थे। बावजूद इसके पैसेंजर्स के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के तहत थर्मल स्कैनिंग के बाद बसों में एंट्री की कोई खास व्यवस्था नहीं हो सकी है। वहीं रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर्स पर भी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती दिखीं।

डिपो से नहीं मिला स्कैनर, खुद की व्यवस्था

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम बुधवार को गोरखपुर डिपो पर पहुंची तो एक महिला कंडक्टर सुनीता बस में बैठ रहे पैसेंजर्स की थर्मल स्कैनिंग करतीं मिलीं। उन्होंने बताया कि करीब 250 पैसेंजर्स की थर्मल स्कैनिंग के बाद ही एंट्री दी गई। इसके लिए उन्हें स्पेशली लगाया गया है। वहीं देवरिया डिपो की महिला कंडक्टर रीना ने बताया कि उनके डिपो से कुछ भी नहीं दिया गया है। जान हथेली पर लेकर खुद ही बचाव सामग्री लेकर पैसेंजर्स को गंतव्य तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। कमोवेश साहिबाबाद डिपो के कंडक्टर और ड्राइवर का भी यही हाल है। इसी बीच कंडक्टर सुनीता ने देवरिया डिपो की बस में बैठे सभी पैसेंजर्स की थर्मल स्कैनिंग के बाद ही गाड़ी को जाने दिया।

स्टेशन अधीक्षक के कमरे में ही भीड़

वहीं स्टेशन परिसर पर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग जरूर किए गए हैं, लेकिन कोई भी जिम्मेदार इसका पालन कराने के लिए मौजूद नहीं मिला। स्टेशन अधीक्षक के कमरे में ही जुटी भीड़ की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती दिखीं।

पेड़ के नीचे बैठ काटा समय

टीम जब रेलवे स्टेशन रोड होते हुए गोरखपुर जंक्शन के पास पहुंची तो दोपहर एक बजे से ही पैसेंजर्स का रेला नजर आया। ट्रेन के इंतजार में बैठे लोग आरपीएफ बैरक के पास स्थित होटल के पास एक पेड़ के नीचे प्लास्टिक व पेपर बिछाकर बैठे नजर आए। वहीं कुछ यात्री रेलवे स्टेशन पुलिस चौकी के पास बैठे मिले। शाम के तीन बजे सभी यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत बनाए गए गोले से होकर स्टेशन परिसर में प्रवेश दिया गया। रेलवे के अधिकारी समेत आरपीएफ की टीम मुस्तैद नजर आई।

रिजर्वेशन काउंटर पर टूटा नियम

वहीं रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर पर तो सोशल डिस्टेंसिंग की ऐसी धज्जियां उड़ती नजर आईं कि रेलवे अधिकारियों के सारे दावे फेल होते नजर आए। पीआरएस पर रिजर्वेशन कराने आए लोगों की भीड़ की तस्वीर खींचती टीम पर नजर पड़ते ही जिम्मेदार सकते में आ गए लेकिन भीड़ के आगे वे भी बेबस नजर आए। जबकि रेलवे के अधिकारियों का दावा था कि सोशल डिस्टेंसिंग के तहत ही पब्लिक के टिकट बनाए जाएंगे।

वर्जन

सोशल डिस्टेंसिंग के तहत सभी यात्रियों को स्टेशन परिसर में एंट्री दी जा रही है। इसके लिए पूरी टीम लगी हुई है। रहा सवाल रिजर्वेशन काउंटर के पास भीड़ का तो मामले को देखता हूं। ऐसा अगर हो रहा तो यह गलत है। सोशल डिस्टेंसिंग के तहत ही टिकट बनाए जाएंगे या फिर रिफंड होंगे।

पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे

सोशल डिस्टेंसिंग और थर्मल स्कैनिंग के बीच ही पैसेंजर्स को एंट्री दी जा रही है। इसके लिए स्टेशन पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जो निर्देश का पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

डीवी सिंह, आरएम

इन रूट्स पर चल रहीं बसें

गोरखपुर-देवरिया

गोरखपुर-कुशीनगर

गोरखपुर-लखनऊ

गोरखपुर-कानपूर

गोरखपुर-दिल्ली

Posted By: Inextlive