-मरीज घर बैठे ले सकते हैं रेलवे के संबंधित डॉक्टर से परामर्श

-एचआइएमएस के जरिये आपस में जुड़ जाएंगे सभी रेलवे अस्पताल

पूर्वोत्तर रेलवे के कर्मचारी, सेवानिवृत्त कर्मी और उनके परिजन अब किसी भी रेलवे अस्पताल में अपना इलाज करा सकेंगे। गंभीर बीमारी वाले मरीज जरूरत पड़ने पर घर से ही संबंधित चिकित्सकों से ऑनलाइन परामर्श ले सकते हैं। यह सुविधा देने के लिए समस्त रेलवे अस्पतालों में हास्पिटल इंफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (एचआइएमएस) लागू किया जा रहा है।

एचआइएमएस के जरिये रेलवे के समस्त अस्पताल आपस में ऑनलाइन जुड़ जाएंगे। रेलकर्मी अपना उम्मीद कार्ड दिखाकर कहीं भी इलाज करा सकते हैं। अस्पतालों में इलाज कराने वाले सभी मरीजों का विवरण एचआइएमएस में लोड कर दिया जाएगा। मरीज के रोग की पूरी हिस्ट्री, चल रहे इलाज, पूर्व में किए गए इलाज, चल रही दवाइयां, जांच रिपोर्ट आदि सिस्टम में सुरक्षित रहेगा। सिस्टम के तहत आउटडोर या इनडोर मरीजों को ऑनलाइन टोकन जारी कर दिया जाएगा। मरीज टोकन के जरिये संबंधित चिकित्सक से संपर्क कर परामर्श ले सकते हैं। चिकित्सक रोगी का ऑनलाइन विवरण देखकर सलाह दे सकते हैं। दवा लिखकर संबंधित कर्मी को आनलाइन फारवर्ड भी कर देंगे। फिलहाल यह व्यवस्था लखनऊ मंडल के बादशाहनगर, गोंडा व ऐशबाग अस्पताल में लागू हो गई है। वाराणसी और इज्जतनगर मंडल के चिकित्सालयों में जल्द लागू हो जाएगी। गोरखपुर में भी प्रक्रिया शुरू है।

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अस्पतालों से जारी हो रहा उम्मीद कार्ड

सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह के अनुसार समस्त रेलकर्मियों को उम्मीद कार्ड जारी किया जा रहा है। एचआइएमएस में कार्ड का कोड डालते ही रेलकर्मी का पूरा विवरण सामने आ जा जाएगा। इसके बाद रेलकर्मी को ऑनलाइन टोकन जारी हो जाएगा। गोरखपुर में 80 फीसदी कर्मियों का कार्ड बन चुका है, जबकि लखनऊ में 75, वाराणसी में 95 तथा इज्जतनगर मंडल में 90 फीसद कर्मियों का उम्मीद कार्ड बन गया है।

Posted By: Inextlive