मत फंसना! रेलवे में परमानेंट नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहा बड़ा खेल
BAREILLY:
रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर फ्रॉड का एक बड़ा मामला सामने आया है। जहां पर बेरोजगारों से रुपए लेकर पक्की नौकरी दिलाने का वादा किया जा रहा है। जिनकी बातों में बेरोजगार युवा आसानी से आ जाते हैं। अभी तक नौकरी के नाम पर क्.ख्भ् करोड़ रुपए से अधिक लिए जा चुके हैं। जब यह बात दैनिक जागरण जागरण आई नेक्स्ट तक पहुंची तो ट्यूजडे स्टिंग किया। बोगस कस्टमर बन जब रिपोर्टर ने कर्मचारी से बात कि तो उसने पैसे देने पर तुरंत पक्की नौकरी दिलाने की बात कही। जिसकी पूरी बातचीत रिकॉर्डिग मोबाइल में हमारे पास है। कमीशन में छूट भी देते हैंयह सारा खेल रेलवे के लेनिन सेक्शन में चल रहा है। रेलवे ने ट्रेनों के एसी कोच में कम्बल, चादर और पिलो लोडिंग व धुलाई का काम ठेकेदार को दिया है। मेन ठेकेदार राजकुमार शर्मा देहरादून में बैठता है। बरेली में काम की देखरेख के लिए लड़के लगा रखे हैं, जो लोडिंग और बेडरोल में पक्की नौकरी देने के नाम पर लोगों से मोटी रकम ले रहे हैं। अटेंडेंट इसमें मिडिएटर का काम करते हैं। एक व्यक्ति से फ्0 से ब्0 हजार रुपए लिए जा रहे हैं। एक साथ फ्-ब् लोगों को नौकरी पर रखने पर बाकायदा टोटल अमाउंट में डिस्काउंट भी दिए जाते हैं।
नौकरी पर बने रहने का दावा बरेली में जो काम देख रहे हैं, उनमें से दो के नाम सामने आए हैं एक अशोक और दूसरा अवधेश शर्मा। जिनके द्वारा अप्लीकेंट़्स से आजीवन नौकरी पर रखने का दावा किया जाता है। इंदौर, दादर, आला हजरत, त्रिवेणी एक्सप्रेस ट्रेनों पर लड़कों की ड्यूटी लगाई जाती है। नौकरी मांगने के लिए आने वाले लड़कों को बेडरोल में रखने पर 9 हजार रुपए सेलरी और लोडिंग में म्,भ्00 रुपए सेलरी मंथली देने की बात कही जाती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले भी ठगी के शिकार हुए लड़कों ने अशोक नाम के कर्मचारी की जमकर धुनाई कर दी थी। जो कि लोडिंग में नौकरी दिलाने के नाम पर भ्-म् युवकों से क्0-क्0 हजार रुपए लिए थे। बरेली से बाहर भी नौकरीमजे कि बात यह है कि रोजगार की तलाश में भटकने वाले युवकों में बरेली ही नहीं बल्कि देहरादून, कटरा और इलाहाबाद में भी नौकरी दिलाने की बात कही जाती है। इतना ही नहीं यदि हेल्थ सर्टिफिकेट और पुलिस वेरिफिकेशन बनवाने में दिक्कत होती है, तो यह कर्मचारी यह भी काम आसानी से कर देते हैं। हेल्थ सर्टिफिकेट बनाने के लिए इनका सुभाषनगर में एक डॉक्टर फिक्स है। जब भी हेल्थ सर्टिफिकेट बनवाने होते हैं, यह कर्मचारी नाम, पता लेकर पहुंच जाते हैं।
अवधेश शर्मा से हुई बातचीत का अंश रिपोर्टर - फरीदपुर से आए हैं भाई के लिए नौकरी की बात करनी है।अवधेश - फरीदपुर के बहुत सारे लड़के काम कर रहे हैं, कोई दिक्कत नहीं हैं फ्0 हजार रुपए लगेंगे।रिपोर्टर - सेलरी क्या होगी।अवधेश - 9 हजार रुपए मंथली।रिपोर्टर - डॉक्यूमेंट क्या चाहिए।अवधेश - कैरेक्टर और हेल्थ सर्टिफिकेट, हाई स्कूल की मार्क्सशीट और फोटो।रिपोर्टर - भाई हेल्थ और कैरेक्टर सर्टिफिकेट कैसे बनेगा। पुलिस और डाक्टर नहीं बनाएंगे।अवधेश - कोई बात नहीं आप बस पैसे लेकर आओ सब बनवा देंगे।रिपोर्टर - मेरे दो रिलेटिव को भी नौकरी पर रखवाना है।अवधेश- हो जाएगा।रिपोर्टर - क्या उनके भी फ्0-फ्0 हजार रुपए लगेंगे।अवधेश - तीनों का एक साथ कराने पर ख्भ्-ख्भ् हजार में हो जाएगा।रिपोर्टर - नौकरी तो पक्की होगी न।अवधेश - हां आजीवन। बरेली सहित दूसरे शहरों में भी हमारा काम होता है। कब मिलेंगे पैसे लेकर।रिपोर्टर - फोन पर बता देंगे।अवधेश शर्मा अटेंडेंट हैं। मेरे नाम पर कोई पैसा ले रहा है, तो वह उसकी जिम्मेदारी है। मेरे अंडर में बहुत सारे लड़के हैं अब मैं किसका-किसका ध्यान रखूंगा।
राजकुमार शर्मा, ठेकेदार अभी मैं बरेली से बाहर हूं। बरेली पहुंचने पर मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।नित्यानंद सिंह, इंस्पेक्टर जीआरपी जंक्शन