विद्युतीकरण और दोहरीकरण पूरा होने के बाद मिलेगी सुविधा

दोनों पर तेजी से चल रहा है काम, पूरा होते ही दौड़ेंगी गाडि़यां

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ALLAHABAD: समय की बचत हम भी चाहते हैं। इसी के चलते कोई भी ट्रैक ऐसा नहीं बचा है जिस पर दोहरीकरण का काम चल न रहा हो। इसके साथ का प्रायोरिटी वर्क है इलेक्ट्रिफिकेशन। इस पर तेजी से वर्क हो रहा है। यह दोनो काम एक साथ पूरे होंगे। इसके बाद छपरा से बनारस ही नहीं इलाहाबाद से लखनऊ रूट पर भी 160 किलोमीटर की स्पीड से ट्रेनें दौड़नी शुरू हो जाएंगी। इसके बाद इलाहाबाद से लखनऊ का सफर कुल सवा घंटे का रह जाएगा। फिर पब्लिक सुबह जाकर लखनऊ में दिन भर में काम निबटाएगी और शाम को वापस घर लौट आएगी। यह भरोसा रेल राज्यमंत्री मनोज सिनहा ने बुधवार को इलाहाबाद में राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह के सवाल का जवाब देते हुए दिलाया।

सांसद ने गिनाई खामियां

भाजपा के टिकट पर गाजीपुर से जीतकर लोक सभा पहुंचे रेल राज्यमंत्री मनोज सिनहा और सपा के कोटे से राज्यसभा पहुंचे कुंवर रेवती रमण सिंह बुधवार को इलाहाबाद जंक्शन पर ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन व चाईल्ड केयर सेंटर के शुभारंभ व सूबेदारगंज को टर्मिनल स्टेशन बनाने के लिए आयोजित शिलान्यास समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। समारोह को संबोधित करते हुए राज्य सभा सांसद ने रेलवे की कमियां सामने रखते हुए कुछ मांगें रखीं। कुंवर ने कहा कि मनोज सिन्हा के कार्यक्रम में पहली बार इसलिए आया हूं, क्योंकि उन्होंने इलाहाबाद के लिए काफी काम किया है। इसके बाद वे सीधी बात पर आ गए और रेलवे के सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया। कहा कि लखनऊ और इलाहाबाद को जोड़ने वाली गंगा गोमती एक्सप्रेस 210 किलोमीटर का सफर पूरा करने में पांच घंटे का समय लेती है। तीन घंटे में बाईरोड प्राइवेट वाहन लखनऊ पहुंच जाता है। यह टाइमिंग ठीक नहीं है। पब्लिक का काफी टाइम इसमें वेस्ट होता है। कई बार इतना लेट हो जाता है कि वह समय से लखनऊ पहुंच ही नहीं पाती। इसलिए एक और लाइन बनाई जाए। उन्होंने मधेपुरा से बनारस तक डबल लाइन की मांग करते हुए कहा कि इससे गाडि़यों को डायवर्ट नही करना पड़ेगा। छिवकी जंक्शन के डेवलपमेंट को नाकाफी बताते हुए इसे और विस्तार देने तथा रात में सुरक्षा का मुद्दा उठाया।

कुंवर साहब कोई रेल खंड नहीं बचा

राज्य सभा सांसद की बात का जवाब देते हुए रेल राज्य मंत्री ने कहा कि छिवकी में नया सेटेलाइट स्टेशन हमने न बनवाया होता तो शायद ट्रेनो की पंक्चुअलिटी 40 परसेंट भी न होती। सुबेदारगंज टर्मिनल स्टेशन 45 करोड़ खर्च कर डेवलप कर रहे हैं। यह सब इलाहाबाद जंक्शन का प्रेशर कम करने के लिए है। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर 2019 तक बन जाएगा। जिसके बाद ट्रेनें समय से चलेंगी। छपरा से लेकर दिल्ली तक कोई ऐसा रूट नहीं है जिस पर दोहरीकरण का काम न चल रहा हो। साथ में इलेक्ट्रिफिकेशन भी कराया जा रहा है। इसके बाद सभी रूटों पर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी और टाइमिंग भी मेंटेन रहेगी। फिर आपको लखनऊ का सफर तय करने में सवा घंटे से ज्यादा नहीं लगेंगे। उन्होंने कहा कि इस पर एनसीआर के जीएम और डीआरएम दोनो से बात हो चुकी है। इस दिशा में हम पूरी गंभीरता से आगे बढ़ रहे हैं।

बाईपास निर्माण पर एक हजार करोड़ खर्च होंगे

रेल राज्यमंत्री ने कहा कि बाईपास एक हजार करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। इसकी भी मंजूरी सरकार ने दे दी है। जिस बात का जिक्र कुंवर साहब ने किया, वो बात पुरानी हो गई है कुंवर साहब। अब कोई रेल खंड ऐसा नहीं बचा है, जिसका दोहरीकरण और विद्युतीकरण मोदी सरकार ने न किया हो। छपरा से वाराणसी तक काम चल रहा है। हम ऐसी व्यवस्था देने जा रहे हैं जिससे लोग दिन में जाकर लखनऊ में काम करें और शाम को इलाहाबाद आकर नेतराम की कचौड़ी खाएं।

अब झट से मिलेगा जनरल टिकट

रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने बुधवार को इलाहाबाद जंक्शन पर लगे ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन का उद्घाटन किया। इसके लगने के बाद पैसेंजर्स को जनरल टिकट लेने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा और न ही लंबी लाइन लगानी पड़ेगी। केवल स्मार्ट कार्ड बनवाना होगा। फिर झट से टिकट बन जाएगा। एनसीआर में पहला ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीन इलाहाबाद जंक्शन पर लगाया गया। मंत्री ने कहा कि सभी मंडलों में यह मशीन लगाने की योजना है।

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160 की स्पीड से इलाहाबाद लखनऊ रूट पर ट्रेन दौड़ाने की तैयारी

200 किलोमीटर है इलाहाबाद से लखनऊ की कुल दूरी

05 घंटे अभी लगते हैं लखनऊ तक की यात्रा करने में न्यूनतम

06 ट्रेने चलती हैं अभी लखनऊ रूट पर

Posted By: Inextlive