पटरियों को जंग लगने से बचाने के लिए निकाला गया रास्ता

हर जोन और एरिया की पटरियों का होगा अलग रंग

ALLAHABAD: रेल पटरियों को जंग लगने से बचाने और साथ ही पटरियों में आने वाली खामी को आसानी से पकड़ने के लिए रेल मंत्रालय ने रेल पटरियों को कलरफुल बनाने का निर्णय लिया है। इसके अनुसार जल्द ही ग्लोबल लेवल पर टेंडर जारी किया जाएगा। पटरियों का रंग बदलने से रेलवे रस्टिंग यानी जंग लगने पर होने वाले सालाना खर्च को बचाएगा।

15 हजार करोड़ सालाना खर्च

पटरियों को कलरफुल बनाने की योजना के तहत एक तरफ जहां नए स्थान पर कलरफुल पटरियों को लगाया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ पहले से बिछे ट्रैक को भी रंगीन बनाया जाएगा। पटरियों को जंग से बचाने में रेल मंत्रालय अभी करीब पंद्रह हजार करोड़ रुपये खर्च करता है। पटरियों को पेंट करने से खर्च में मामूली बढ़ोत्तरी होगी। टेंडर ग्लोबल होने से राशि में अंतर आएगा। ऐसे में करीब डेढ़ हजार करोड़ की बचत होना संभव है।

एफओबी भी होगा रंगबिरंगा

रेलवे ने ट्रायल में कोच को रंग बिरंगा बनाकर रस्टिंग से नुकसान को कम करने का प्लान बनाया है। इसी तरह फुट ओवर ब्रिज व स्टेशन पर जहां भी रस्टिंग की संभावना होगी, उन्हें रंग बिरंगा किया जाएगा। ताकि खर्च को और कम कर सकें।

जल्द पकड़ में आएगा फाल्ट

पटरियों का रंग बिरंगा होना सुरक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। रेल पटरियों का कलर बदलने और पटरियां कलरफुल होने से ट्रैक के फाल्ट को गैंगमैन जल्द पकड़ सकेंगे। एक जैसा रंग होने से परेशानी होती है।

ऐसे तय किए जाएंगे पटरियों के रंग

कहां किस रंग का प्रयोग किया जाएगा, यह अगले चरण में तय किया जाएगा। इसके लिए कई तरह के प्रस्तावों पर विचार हो रहा है। स्टेशन और उसके आस-पास के इलाके, पुल, जंगल आदि को अलग-अलग श्रेणियों में बांट कर उनके लिए रंग निर्धारित किया जाएगा। इसी तरह अगर एक जगह तीन पटरियां गुजर रही हों तो उनमें किनारे व बीच वाली के लिए अलग-रंग तय किया जाएगा।

रेल पटरियों पर जहां भी करोजेन रजिस्टेंश लगने की संभावना होती है, वहां पेंट किया जाता है। रेल पटरियों को कलरफुल किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है या नहीं, अभी इसकी जानकारी नहीं है। इस संबंध में कोई रिटेन आदेश नहीं आया है।

गौरव कृष्ण बंसल

सीपीआरओ, एनसीआर

Posted By: Inextlive