रियलिटी चेक में सामने आई हकीकत, एमआरपी से अधिक लिया जा रहा है रेट

पैसेंजर्स ने ट्वीट कर रेल मंत्री से की शिकायत

balaji.kesharwani@inext.co.in

PRAYAGRAJ: जंक्शन पर स्थित फूड स्टॉल पर ओवरचार्जिग न होने का दावा रेलवे के अधिकारी भले ही करते हों, शॉप ओनर इसे नहीं मानते। पब्लिक को लोकल लेवल पर रिस्पांस नहीं मिला तो उसने ट्वीट करके रेल मंत्री तक शिकायत पहुंचा दी है। शनिवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने रियलिटी चेक किया तो फैक्ट सामने आया कि रेलवे मिनिस्टर के आदेश के बाद अफसरों ने सख्ती बरती तो कुछ दुकानदार तो राइट टाइम हो गये। ज्यादातर अब भी पुराने पैटर्न पर लौट गये हैं।

प्रयागराज के पैसेंजर ने की शिकायत

इलाहाबाद जंक्शन से रवाना होने वाली प्रयागराज एक्सप्रेस से सफर करने वाले अभिषेक ने नौ अक्टूबर की रात रेल मंत्री के ट्विटर हैंडल पर शिकायत की। उन्होंने बताया कि प्लेटफार्म नंबर एक पर आरके फूड प्रोडक्ट के स्टॉल से एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल खरीदी। एमआरपी 38 रुपये प्रिंट था और उनसे 45 रुपये वसूल किये गये। मांगने पर बिल भी नहीं दिया गया। इसकी हकीकत जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने शनिवार को इलाहाबाद जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक पर ही स्थित उस फूड स्टॉल का रियलिटी चेक किया। शिकायत के बाद क्या चेंज हुआ यह जानने के लिए रिपोर्टर उसी शॉप पर पहुंचा जहां की शिकायत की गयी थी

रिपोर्टर- भैया, एक कोल्ड ड्रिंक की बोतल देना। 500 एमएल वाली।

वेंडर- कोल्ड ड्रिंक की बोतल काउंटर पर रखते हुए, 40 रुपये का है।

रिपोर्टर- एमआरपी तो 38 रुपया है।

वेंडर- दो रुपये तो देना ही पड़ेगा।

रिपोर्टर- क्यों देना पड़ेगा?

वेंडर- आजकल जिसे देखो, वही नियम कानून बता रहा है। चलो ठीक है, 38 रुपये फुटकर दो।

रिपोर्टर- 38 नहीं, 40 रुपये हैं। दो रुपये वापस करो। बिल भी देना।

वेंडर- बिल तो नहीं मिलेगा। कोल्ड ड्रिंक का बिल नहीं दिया जाता है। खाना लोगे तो बिल दूंगा।

रिपोर्टर- ये कौन सा नियम है, बिल तो तुम्हे देना ही पड़ेगा। ये नियम कहां है कि कोल्ड ड्रिंक का बिल नहीं बनेगा।

वेंडर- वो सामने हमारे मैनेजर बैठे हैं, जाइए उनसे बात करिए।

रिपोर्टर- मैं उनसे जाकर बात क्यूं करूं। तुम जाओ और उनसे पूछो कि कोल्ड ड्रिंक का बिल मांग रहे हैं, देना है या नहीं।

वेंडर- नोट- वेंडर मैनेजर के पास जाता है, और कान में कुछ फुसफुसाता है, उसके बाद मैनेजर एक प्लेन कैश-मेमो पर कोल्ड ड्रिंक की बोतल का रेट लिखकर और मोहर मार कर दे देता है।

रिपोर्टर- वेंडर और मैनेजर को शक हो जाता है कि नियम कानून बताने वाले या तो विभाग के लोग हैं या फिर कोई विशेष जानकार हैं।

प्लेटफार्म नंबर एक पर रियलिटी चेक करने के बाद रिपोर्टर प्लेटफार्म नंबर दो पर स्थित दीपक एंड कंपनी के फूड स्टॉल पर पहुंचा। यहां रियलिटी चेक करने के लिए स्टॉल पर खड़े वेंडर से कोल्ड ड्रिंक का रेट पूछा तो उसने एमआरपी रेट 38 रुपया बताया। बिस्किट और भुजिया का रेट भी एमआरपी वाला ही बताया। वेंडर से जब कहा गया कि बिल दोगे या नहीं, तो वो तुरंत तैयार हो गया। उसने कैशमेमो निकाला, जिस पर दीपक एंड कंपनी फर्म का नाम प्रिंट था। जिससे ये साबित हो गया कि रेल मंत्री की कार्रवाई का असर है, कुछ लोगों में डर बरकरार है कि कहीं कोई अधिकारी चेकिंग करने न आ जाए। यही नहीं स्टॉल के फ्रंट पर पंपलेट लगा था, जिसमें लिखा था बिल नहीं तो खाना समान फ्री।

जंक्शन के फूड स्टॉल पर ओवर चार्जिग रोकने को लेकर सख्ती बरती जा रही है। बीच-बीच में जांच होती रहती है। सभी को बिल देना अनिवार्य है। इसके बाद भी कोई ओवर चार्जिग करता है, बिल नहीं देता है टोल फ्री नंबर 1800111321 पर कॉल कर कम्प्लेन कर सकते हैं।

सुनील कुमार गुप्ता

पीआरओ, इलाहाबाद मंडल

रेलवे के फूड स्टॉलों पर एमआरपी से अधिक रेट लिए जाने की एक परंपरा सी बन गई है। इसलिए हम जैसे ज्यादातर पैसेंजर बिना कुछ कहे, वेंडर द्वारा मांगे गए पैसे दे देते हैं।

गुड्डू सिंह, पैसेंजर

कुछ दिन पहले दिल्ली जाते समय मैने, जंक्शन के एक स्टॉल पर कुछ सामान खरीदा। वेंडर ने पैसा तो बराबर लिया, लेकिन बिल नहीं दिया। मैने जब उससे बिल मांगा तो, पहले उसने आना-कानी की, फिर मुझे देखने के बाद बिल दे दिया।

भगवत प्रसाद

रेल मंत्री की सख्ती का असर तभी होगा, जब लोग खुद अवेयर होंगे। लोग बिना बिल लिए सामान नहीं लेंगे, तो वेंडरों के लिए बिल देना मजबूरी हो जाएगी। तभी ओवरचार्जिग भी बंद हो जाएगी।

विमल सिंह

Posted By: Inextlive