-हॉस्पिटल में रोजाना लगानी पड़ती है चार से पांच घंटे लाइन

-बैंक और रेलवे स्टेशन का भी यही हाल, बिना लाइन लगाए नहीं होता कोई काम

ALLAHABAD: देश को आजाद हुए सात दशक हो गए लेकिन अभी तक हमें लाइन लगाने से आजादी नहीं मिल सकी है। रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, सिनेमाहाल, बैंक, मॉल हर जगह लाइन लगानी पड़ती है। इसी तरह हॉस्पिटल में इलाज कराना हो तो चार से पांच घंटे केवल लाइन लगाने में बीत जाते हैं। लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद इलाज और दवाएं मुहैया होती हैं।

पर्चा बनवाने से लेकर दवा की लाइन

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने हॉस्पिटल्स में मरीजों के लाइन लगाने की हकीकत के बारे में शुक्रवार को जानने की कोशिश की। पता चला कि जो मरीज सुबह आठ बजे आ गए थे उन्हें डॉक्टरी परामर्श, जांच और दवा लेने में दोपहर के एक बज गए। उन्होंने बताया कि पर्चा बनवाने में आधे घंटे लग गए और इसके बाद डॉक्टरों को दिखाने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगा। फिर जांच और दवा काउंटर पर भी अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा।

एटीएम का रश बैंक में दिखा

शहर के तमाम एटीएम में पैसा नहीं होने का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। यही कारण है कि बैंकों में रोजाना लंबी लाइन लग रही है। एसबीआई मेन शाखा में दोपहर लंबी लाइन लगी थी। पता चला कि इनमें कुछ लोग पैसे निकालने तो कुछ लोग खाते में जमा कराने आए हैं। इसलिए लाइन लगी हुई है। पेशे से बिजनेसमैन श्रीकांत ने कहा कि अगर एटीएम में कैश होता तो इस तरह लाइन नहीं लगानी पड़ती।

रिजर्वेशन से लेकर लोकल टिकट तक

शुक्रवार को यही हाल रेलवे स्टेशन का रहा। यहां सिटी साइड की ओर से रिजर्वेशन काउंटर पर एक लाइन में कम से कम तीस से चालीस लोग लगे थे। प्राइमरी टीचर राजेश ने बताया कि वह इंटरनेट सेवी नही हैं। इसलिए यहां टिकट बनवाने आए हैं। अगली बार ऑनलाइन टिकट बुक कराने की कोशिश करेंगे। वहीं, जनरल टिकट की खिड़की पर भी जबरदस्त लाइन लगी हुई थी। बाकी दो खिड़की बंद होने से उनका रश भी इन्हीं लाइनों पर था।

डॉक्टर को दिखाने के लिए लाइन लगाना पड़ता है। इतनी लंबी लाइन लगती है कि अपना नंबर आते-आते बुखार पहले से ज्यादा हो गया।

-विजय

हर जगह का यही हाल है। रेलवे का टिकट लेने जाना हो तो लाइन लगाओ। लोगों को सिनेमाहाल या किसी रेस्टोरेंट में अपनी डिश लेने के लिए भी लाइन लगानी पडती है।

-सुनील

बैंकों में तो सुबह से ही लाइन लग जाती है। अपने खाते में पैसा निकालने के लिए आधे घंटे इंतजार करना पड़ता है। एटीएम में भ 15 से 20 मिनट में नंबर लगता है।

-यशवंत

सबसे पहले पर्चा बनवाने में आधा और फिर डॉक्टर को दिखाने में एक घंटे लग गया। जांच करवाने में भी इतना ही समय लगा। अब दवा लेने में लाइन में लगा हूं।

-जनार्दन

हर जगह लाइन लगाना हमारी आदत में शामिल हो गया है। देखा जाए तो लोग इस लाइन में लगने वाली आदत से बाहर आने की कोशिश भी नहीं करते।

-गुलाबचंद

Posted By: Inextlive