टिकट का टा-टा

फ‌र्स्ट अप्रैल यानि बुधवार से प्लेटफॉर्म टिकट के रेट पांच रुपये से बढ़कर 10 रुपये क्या हुए, लोगों को टा-टा, बॉय-बॉय करने के लिए आने वाले लोगों ने टिकट को ही टा-टा बोल दिया। जहां अब तक दो-ढाई हजारप्लेटफॉर्म टिकट बिकते थे, वहीं बुधवार को ये संख्या घटकर लगभग डेढ़ हजार तक सिमट गई। अब रिसीव-सी ऑफ करने वाले लोग कम आये या प्लेटफॉर्म टिकट कम बिके, ये तो रेलवे जाने लेकिन कुल मिलाकर इस नई कवायद से रेलवे को घाटा जरूर हुआ है। वैसे प्लेटफॉर्म पर रौनक तो पहले जैसी ही दिखी। और हां लोगों ने प्लेटफॉर्म टिकट का एक तोड़ भी निकाल लिया है। ये सब जानना हो चलें अंदर के पेज पर।

-कैंट स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट का रेट बढ़ने का पहले ही दिन दिखा असर

-प्लेटफॉर्म टिकट खरीदने के काउंटर पर नहीं लगी भीड़

VARANASI: प्लेटफॉर्म टिकट का रेट बढ़ने का कैंट स्टेशन पर पहले ही दिन असर रहा। रेट अधिक होने से अपने फेमिली मेंबर्स को स्टेशन छोड़ने पहुंचे बहुत सारे लोगों ने टिकट नहीं खरीदा। जबकि अन्य दिनों में कैंट स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट की सेल इससे अधिक रहती थी। बता दें कि कैंट रेलवे स्टेशन से डेली डेढ़ लाख पैसेंजर्स का आना-जाना होता है। इनमें औसतन ढाई हजार ही लोग ऐसे होते हैं जो प्लेटफॉर्म टिकट लेकर अपनों को रिसीव व सीआफ करने के लिए स्टेशन पर आते हैं। इनके अलावा बड़ी संख्या में ऐसे लोग होते हैं जो अनधिकृत रूप से यानि प्लेटफॉर्म टिकट लिए बगैर बॉय-बॉय व टाटा-टाटा करने के लिए स्टेशन पहुंचे रहते हैं। इसके बावजूद एक अप्रैल यानि बुधवार को लगभग क्भ्00 लोगों ने ही प्लेटफॉर्म परचेज किया।

पहले दो से ढाई हजार

वैसे तो लगभग डेढ़ से दो लाख लोग डेली कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंचते हैं। इनमें से औसतन दो से ढाई हजार ऐसे लोग होते हैं जो प्लेटफॉर्म टिकट लेकर किसी अपने को रिसीव व सीआफ करने पहुंचते हैं। लेकिन रेट बढ़ने के बाद तो टिकट खरीदने वालों का ग्राफ लगभग एक हजार नीचे गिर गया। यानि कि लगभग डेढ़ हजार लोगों ने ही प्लेटफॉर्म टिकट खरीदा। बाकी अन्य लोग इस दिन बिना प्लेटफॉर्म टिकट के ही स्टेशन पर अपनों को टाटा-बॉय बॉय करते रहे। यह सिलसिला सुबह से लेकर देर शाम तक जारी रहा।

भीड़ रोकने की कवायद

स्टेशन पर लगातार बढ़ रही भीड़ को कम करने के लिए रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने प्लेटफॉर्म टिकट का रेट सन् ख्0क्भ् के रेल बजट में बढ़ाने का डिसीजन लिया। निर्णय के मुताबिक जो टिकट पहले पांच रुपये में बिकता था वह अब दस रुपये हो गया है। इससे न केवल रेलवे की आय बढ़ेगी बल्कि प्लेटफॉर्म पर बेवजह तफरीह करने वालों पर भी रोक लगने की उम्मीद जतायी जा रही है। पर देखना है कि इसका रेलवे को कितना फायदा मिलता है। जब तक स्टेशन पर इससे कम रेट का टिकट आसानी से मिलता रहेगा, तब तक इसके प्रभावी होने का संकट बरकरार रहेगा।

तो ऐसे पूरा होगा मकसद

मौजूदा समय में कैंट स्टेशन की हालत यह है कि किसी भी प्रवेश व निकास द्वार पर टिकट परीक्षक (टीई) का अता पता नहीं रहता है। बिना रोक-टोक के स्टेशन कैंपस में ख्ब् घंटे लोगों का आना-जाना लगा रहता है। ऊपर से दबाव बना तो खानापूरी के लिए जांच अभियान चला और कुछ लोगों को जिनमें अवैध वेंडर व मजदूर आदि को पकड़कर हवालात का रास्ता दिखा दिया जाता है। कमोवेश यही स्थिति काशी, शिवपुर, मंडुवाडीह, वाराणसी सिटी व लोहता स्टेशन का भी है।

दस पर भारी पांच

वह दिन दूर नहीं जब प्लेटफॉर्म टिकट पर आसपास के स्टेशन का टिकट भारी पड़ेगा। कारण कि प्लेटफॉर्म टिकट जहां दस रुपये का है वहीं कैंट से आसपास के स्टेशन का टिकट मात्र पांच रुपये का ही है। ऐसे में कोई भी सारनाथ, मंडुआडीह, काशी, शिवपुर, भुल्लनपुर, बाबतपुर या व्यासनगर का टिकट खरीदकर कैंट स्टेशन पर तफरीह मारेगा। वह भी दो घंटे नहीं बल्कि पूरे दिन। जानकारों के मुताबिक अभी लोगों को पता नहीं है, इसलिए कुछ दिन तक प्लेटफॉर्म टिकट दस रुपये का खरीदेंगे। लेकिन जैसे ही पता चलेगा कि पांच रुपये का टिकट खरीदकर अपनों को रिसीव व सीऑफ किया जा सकता है तो इसके बिक्री में और गिरावट आएगी।

पब्लिक को करेंगे अवेयर

वाराणसी क्षेत्र के चीफ एरिया मैनेजर रवि कुमार चतुर्वेदी कहते हैं कि स्टेशन पर लगे लाउड स्पीकर के थ्रू उद्घोषणा के जरिये पैसेंजर्स में जागरुकता बढ़ाई जाएगी ताकि वे अधिकृत टिकट लेकर ही प्लेटफॉर्म पर आएं। क्योंकि बिना टिकट प्लेटफॉर्म पर आने वालों को दंड का भागी बनना पड़ेगा। साथ ही वीक में एक-दो बार अचानक चेकिंग कराई जाएगी। इसका लाभ रेलवे को निश्चित तौर पर मिलेगा।

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दिनांक प्लेटफॉर्म टिकट

ख्भ् मार्च ख्ख्00

ख्म् मार्च ख्भ्00

ख्7 मार्च ख्फ्00

ख्8 मार्च ख्म्00

ख्9 मार्च ख्ब्00

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Posted By: Inextlive