- लोको पायलट और पीडब्लूआई की सूझबूझ से टला हादसा

- मामले की जांच रेलवे और पुलिस दोनों के हाथों में

- अज्ञात लोगों के खिलाफ मोहनलालगंज में दर्ज की गई एफआईआर

LUCKNOW: फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन पर शनिवार को टाइम बम मिला तो इससे पहले गुरुवार देर रात मोहनलालगंज रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक को काटकर ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश की गई। इतना ही नहीं, शनिवार को स्वर्ण शताब्दी में ट्रेन में बम होने की अफवाह के चलते इसे दो जगह रोक कर चेक किया गया, जबकि मुम्बई-एलटीटी-गोरखपुर ट्रेन में आग लग गई। इन घटनाओं में किसी तरह का हादसा तो नहीं हुआ, लेकिन पिछले तीन दिनों में हुए इन हादसों ने रेलवे प्रशासन को हिला कर रख दिया है। आंतकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए रेलवे को सॉफ्ट टारगेट पर लिया जा रहा है। एक के बाद लगातार होने वाली ये घटनाएं कोई इत्तफाकन नहीं हुई, बल्कि यह सभी किसी बड़ी साजिश का नतीजा है। चारों घटना में एक बड़े जनसमूह को प्रभावित करने के लिए योजना बनाई गई थी।

मोहनलालगंज के पास काटा गया रेलवे ट्रैक

कनकाहा और मोहनलालगंज के बीच रेलवे ट्रैक काटकर ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश की गई। लेकिन ड्राइवर और पीडब्लूआई के सतर्क होने के वजह से बड़ा हादसा टल गया। कनकहा से लगभग 4.30 किमी और मोहनलालगंज से लगभग 3.30 किमी दूर अज्ञात लोगों ने रेलवे ट्रैक से 48 सेमी ट्रैक काट दिया। इस घटना की जानकारी रेलवे प्रशासन को बीते एक अक्टूबर थर्सडे देर रात में मिली। ट्रेन नम्बर 54253 प्रयाग-लखनऊ पैसेंजर कनकहा से 2.49 बजे मोहनलालगंज के लिए रवाना हुई। रास्ते में लोको पायलट को तेज जर्क लगा और तेज आवाज भी आई। उसने इस बात की सूचना गार्ड को दी।

रेलवे मास्टर को दी इंफॉरमेंशन

3.00 बजे ट्रेन जब मोहनलालगंज पहुंची तो उसने रेलवे मास्टर जफर इकबाल को सूचित किया और यह भी बताया कि इस दौरान किसी चीज से डीजल इंजन का फ्यूल टैंक भी डैमेज हुआ है। स्टेशन मास्टर ने इस मामले की जानकारी कंट्रोल रूम और पीडब्लूआई (पाथ वे इंस्पेक्टर) राकेश कुमार तिवारी को दी। सूचना मिलते ही राकेश कुमार तिवारी मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि रेलवे ट्रैक पर एक जगह से 50 सेमी का ट्रैक गायब मिला। उन्होंने तुरंत ही स्टेशन को ब्लॉक कर दिया और इस रूट से आने वाली सभी ट्रेनों को रोक दिया गया। घटना की जानकारी मिलने के बार जीआरपी और आरपीएफ के अलावा सिविल पुलिस के आला अधिकारी घटना स्थल पर पहुंच गए। सभी ने इसे आतंकी साजिश का हिस्सा करार दिया।

पांच घंटे प्रभावित रहा संचालन

डीआरएम एके लाहोटी ने स्वीकार किया कि यह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था। लेकिन रेलवे कर्मचारियों के सतर्क होने की बदौलत बड़ा हादसा टल गया। उन्होंने कहा कि लोको पायलट केके वर्मा और पीडब्लूआई राकेश तिवारी ने काम को बखूबी अंजाम दिया। ट्रैक काटे जाने से इस रूट का संचालन लगभग पांच घंटे प्रभावित रहा। इस दौरान आठ मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें प्रभावित रही। शुक्रवार को सुबह 7.25 मिनट पर ट्रेनों का संचालन सामान्य हो सका। डीआरएम ने दोनों ही कर्मियों को सम्मानित करने की बात कही है। वहीं, पीडब्लूआई राकेश तिवारी ने बताया कि जब मौके पर मैन ट्रैक से रेलवे ट्रैक का एक हिस्सा गायब देखा तो तुरंत अधिकारियों को सूचित किया। इसके साथ ही स्टेशन को ब्लॉक कर दिया।

तो चालीस मिनट के अंदर ही काटी गई ट्रेन की पटरी

रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि इस ट्रैक से रात में 2.07 ट्रेन नम्बर 04961 गुजरी। लेकिन इस दौरान ट्रेन के ड्राइवर ने कहीं किसी तरह की कोई सूचना नहीं दी। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इसके बाद ही बदमाशों ने रेलवे ट्रैक काटने का काम शुरू किया है। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने बताया कि इस ट्रैक को काटने के लिए किसी इलेक्ट्रॉनिक मशीन का यूज किया गया। हाथ वाली आरी से इतने कम समय में रेलवे ट्रैक को काटा नहीं जा सकता है। वहीं जहां से रेलवे ट्रैक काटा गया था, वहां से 100 मीटर की दूरी पर एक आरी मिली है। वहीं 150 मीटर की दूरी पर रेलवे ट्रैक का वह टुकड़ा भी बरामद कर लिया गया। जीआरपी और आरपीएफ के अधिकारियों ने कहा कि यदि रेलवे ट्रैक को चोरी करने के उद्देश्य से यह रेलवे ट्रैक नहीं काटा गया।

Posted By: Inextlive