रेल बजट में ट्रेनों की स्‍पीड बढ़ाने पर जोर रहेगा. ये हाई स्पीड ट्रेनें नहीं होंगी बल्कि ऐसी ट्रेनें होंगी जो 130-160 किलोमीटर की स्‍पीड पर चल सकेंगी. इसके लिए शुरू में इंपोर्टेड बोगियों का इस्तेमाल होगा. बाद में इनका देश में निर्माण किया जाएगा.


रेल मिनिस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक इस समय 2 तरह की सेमी हाई स्पीड ट्रेनों के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है. एक तो उपरोक्त तरह की ट्रेनें होंगी, जबकि दूसरी ट्रेनें 160 किलोमीटर से 200 किलोमीटर तक की रफ्तार हासिल करने वाली होंगी. इनके लिए विदेशों से कुछ बोगियों का आयात किया जा रहा है जिन्हें प्रयोग के तौर पर मौजूदा पटरियों पर चलाकर अधिकतम सुरक्षित स्पीड परखी जाएगी. यदि जरूरी हुआ तो मौजूदा ट्रैक में सुधार भी किया जा सकता है. इस तरह की कुछ ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव 2013-14 के रेल बजट में भी शामिल किया जा सकता है. खुलेगा रेलवे ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट


इसके अलावा जिन प्रस्तावों पर विचार हो रहा है उनमें रायबरेली या अमेठी में रेलवे का एक प्रशिक्षण संस्थान खोलने का प्रस्ताव शामिल है. इस संबंध में पिछले दिनों रेलवे मिनिस्टर पवन बंसल की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से चर्चा हुई है. संरक्षा पर काकोदकर समिति और आधुनिकीकरण पर सैम पित्रोदा समितियों ने रेलवे में प्रशिक्षण व अनुसंधान संस्थानों की कमी पर चिंता जताई थी और कुछ नए संस्थान स्थापित करने का सुझाव दिया था. इससे चुनावी मौसम में रोजगार बढ़ाने का कांग्रेस का मकसद भी पूरा होगा. स्टेशनों की भी सुधरेगी हालत

रेल बजट में आदर्श स्टेशनों की रफ्तार बढ़ाने के अलावा कुछ स्टेशनों को अति आदर्श बनाने का प्रस्ताव भी शामिल किया जा सकता है. इन पर 100-200 करोड़ रुपये तक का खर्च आएगा. अभी मुंबई में तिलक टर्मिनल व दिल्ली में आनंद विहार स्टेशन इस कैटेगरी में आते हैं. सुपर आदर्श स्टेशनों के जरिये प्रमुख शहरों में स्टेशनों को आधुनिक बनाने की एक नई मुहिम शुरू की जा सकती है. वर्ल्ड क्लास स्टेशनों की योजना के आगे न बढऩे की वजह से ऐसा करना जरूरी हो गया है. इन स्टेशनों पर आने वाला खर्च रेलवे खुद वहन कर सकता है या स्टेशन कॉरपोरेशन के जरिए प्राइवेट सेक्टर को इसमें शामिल किया जा सकता है.

Posted By: Garima Shukla