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JAMSHEDPUR: दिसंबर की दस्तक के साथ ही स्टील सिटी में ठंड का असर दिखने लगा है, बुधवार शाम सात बजे शहर का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शहर में ठीक-ठाक ठंड होने के बाद भी जेएनएसी, एमएनएसी के अधिकृत रैन बसेरों में कोई भी व्यवस्था नहीं दिख रही है। बुधवार रात शहर के रैन बसेरों का हाल देखा गया तो, तो कही ताला बंद मिला तो कहीं पर बेघरों के रुकने की कोई व्यवस्था ही नहीं मिली। जबकि ठंड के बावजूद लोग खुले में ही रुककर अपनी रातें बिता रहे है। शहर में रात नौ बजे से ही दुकानों और मानगो चौराहों पर बने खुदी राम स्मारक में बिताकर अपनी रातें काट रहे है।

व्यवस्था के शिकार बने शेल्टर होम

जेएनएसी के अंतर्गत आने वाले किशोरी नगर छाया नगर शेल्टर होम लंबे समय से अव्यवस्था के शिकार है। दीनदयाल उपाध्याय अंतोदय योजना के तहत शेल्टर होम में रहने वाले लोगों को खाना पीना देने का प्रावधान है, लेकिन एनजीओ और जेएनएसी अधिकारियों ही हीलाहवाली से यहां के कभी अच्छे दिन नहीं है, किशोरी नगर और छाया नगर में शेल्टर होम बनाने का उदेश्य एमजीएम अस्पताल में आने वाले, रोगियों और उनके तीमारदारों को ठंड से बचाने के लिए शेल्टर होम की स्थापना की गई थी। एनजीओ संचालक से बात करने पर उन्होंने बताया कि जेएनएसी अधिकारी बजट ही नहीं देते है। जिसके चलते कोई भी शेल्टर होम को चलाने के लिए तैयार नहीं है, जबकि जेएनएसी अधिकारी जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं।

सामुदायिक भवनों में भी नहीं दिख रही कोई व्यवस्था

शहर में शेल्टर होम के साथ ही सामुदायिक भवनों में बेघर लोगों के रुकने की व्यवस्था की जाती है। लेकिन अभी तक जेएनएसी और एमएनएसी दोनों ने ही किसी भी सामुदायिक भवन में दरी गद्दा या रजाई की व्यवस्था नहीं की है। साकची ह्यूम पाइप रोड में बने सामुदायिक भवन का हाल देखा गया तो वहां पर टेंट का सामान रखा हुआ मिला। पूछने पर केयर टेकर ने बताया कि अभी तक कोई सूचना नहीं दी गई है और न ही कोई भी समान आया है। केयर टेकर बताया कि बिना किसी सूचना या व्यवस्था के हम किसी को लेटने की अनुमति भी नहीं दे सकते है।

कुमरूम बस्ती में नहीं पहुंच रहे बेघर

शहर के मागनो बस स्टॉप पर बने शेल्टर होम का लोगों को लाभ मिल रहा है, जबकि मानगो अक्षेस द्वारा कुमरूम बस्ती में बने शेल्टर होम में लोग नहीं पहुंच रहे है। जहां पर ठंड में भी कौशल विकास योजना की ट्रेनिंग लेने वाले छात्र रुक रहे है। मानगो गोलचक्कर पर सो रहे लोगों से बात करने पर उन्होंने बताया कि कुमरूम बस्ती में बने शेल्टर होम सड़क से एक किलोमीटर अंदर होने के कारण किराया काफी लग जाता है, सरकार ने अभी तक सामुदायिक केंद्रों की व्यवस्था नहीं की है।

शहर में बने शेल्टर होम ठंड में भी बंद है, यह तो बहुत ही शर्मनाक है, गरीब मजदूरों को ठंड से बचाने के लिए जेएनएसी और एमएनएसी की ओर से विशेष व्यवस्था की जाती है, अगर मजदूर और बेघर सड़क किनारे बिता रहे हैं, तो यह यह गलत है। जेएनएसी और एमएनएसी के स्पेशल आफिसर को आदेश देकर व्यवस्था दुरुस्त कराई जाएगी।

चंदन कुमार, एसडीओ, धालभूमगढ़

Posted By: Inextlive