-10 एमएम हुई वर्षा, मौसम के साफ रहने का पूर्वानुमान

-गेहूं, दलहन, सब्जियों को फायदा, सरसों, आलू की फसल प्रभावित

मथुरा: बेमौसम आसामन से गिरे मात्र दस मिलीमीटर पानी ने ही शहर की व्यवस्थाओं की हकीकत को उजगार करके रख दिया। डामर उखड़ कर गिट्टी सड़कों पर बिखर गई और जगह-जगह जलभराव हो गया। सिल्ट से अटी नालियों के उफनने से गंदगी सड़कों पर जमा हो गई। इधर-उधर बिखरे पड़े कूड़े-करकट से भी दुर्गंध आना शुरू हो गया। गेहूं, दहलन और सब्जियों की फसलों के लिए फायदेमंद रही वर्षा से सरसों और आलू की फसल प्रभावित हो सकता है। दूसरे दिन रविवार को आसमान साफ रहा और धूप भी निकली।

कृषि संभागीय परीक्षण एवं प्रदर्शन केंद्र पर शनिवार-रविवार की रात 10 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई थी। न्यनूतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस मापा गया। मौसम विभाग प्रभारी डॉ। श्यामसुंदर शर्मा ने बताया कि अब मौसम साफ रहेगा। आ‌र्द्रता 70 प्रतिशित पहुंच जाने से वर्षा की संभावनाएं अब नजर नहीं आ रही हैं। 10 एमएम वर्षा ने ही नगर में साफ सफाई और मार्गों के निर्माण कार्यों की असलियत का आइना दिखा दिया। डेम्पियर नगर से सौंख अड्डे के लिए जा रहे मार्ग की करीब तीन महीने पहले मरम्मत कराई गई थी। डामर उखड़ कर इस मार्ग की गिट्टियां नजर आने लगी है। दोनों तरफ पानी जमा हो गया। अहिल्यावाई पार्क को डेम्पियर नगर से जाने वाला मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया। नये स्टेंड के सामने सड़क पर जलभराव हो गया। व्यस्त मार्ग होने के कारण आवाजाही में पैदल राहगीरों को दिक्कतें रही। किनारे से निकले वाहनों से पानी की छींटों ने राहगीरों के कपड़े खराब कर दिए। वे वाहन चालकों के साथ-साथ यहां की व्यवस्था को कोस रहे थे। नई और पुरानी सब्जी मंडी में गंदगी का साम्राज्य व्याप्त हो गया। कोतवाली मार्ग पर जगह-जगह कूड़ा-करकट बिखरा हुआ नजर आया। होलीगेट से जिला अस्पताल के बीच भी सड़क किनारे कई स्थानों पर पानी भर गया था। गड्ढेदार सड़कें ताल-तलैया बन गई थी।

बैमौसम बारिश से साथ चली हवाओं से हाल में सींची गई गेंहू की फसल गिर गई, जबकि सरसों की पकी फसल भी झुक गई। खेत से खोद कर बाहर निकाला गया आलू भीग गया। नमी रहने से जमीन में दबे आलू के खराब होने की आशंका किसान जाहिर कर रहे हैं। वरिष्ठ कृषि शौध सहायक डॉ। श्याम सुंदर शर्मा ने बताया कि ज्यादा वर्षा नहीं हुई है। इसलिए फसलों में कोई खास नुकसान नहीं होगा। दलहनी और गेहूं की फसल को वर्षा से लाभ ही होगा। हालांकि कटी पड़ी सरसों को बरसात से आ¨शक नुकसान हो सकता है।

Posted By: Inextlive