टू ह्वीलर से निकलने वाले कई लोग पानी से भरे गढ्डों की वजह से हुए चोटिल

पुराने शहर के लोगों को ऑफिस जाने के लिए कई मुसीबतें झेलनी पड़ीं

ALLAHABAD: फ्राइडे को ऑफिस जाने के लिए घर से बाहर निकलते ही तालाब बनी सड़कों ने स्वागत किया। अब ऑफिस तो जाना ही था तो भगवान का नाम लेते हुए तालाब में बाइक उतार दी। कुछ आगे बढ़कर मेन सड़क पर पहुंचे तो हालात और बुरे थे। कुछ लोग पूरी तरह से पानी से भीगे घरों को लौटते नजर आए तो कुछ बाइक को घसीटकर मैकेनिक के पास ले जाते हुए। फिर भी हिम्मत कर बाइक आगे बढ़ाई अभी पचास कदम ही गए होंगे कि अचानक बाइक का अगला पहिया गढ्डे में पड़ा और बाइक लिए पानी में गिर पड़े। नीचे पत्थर के टूकड़े पड़े थे सो अच्छी खासी चोट भी लगी और अब ऑफिस भूलकर अस्पताल की ओर भागना पड़ा। इलाहाबाद पुराने शहर के कई इलाकों में फ्राइडे को ये नजारा आम था, जिसके शिकार सुबह घर से निकलने वाले लगभग सभी लोग हुए।

मंजिल लगती कोसो दूर

बरसात के मौसम में इस हालात के लिए सरकारी विभाग जिम्मेदार हैं। जी हां वही विभाग जिन्होंने इलाहाबाद को स्मार्ट सिटी बनाने का ठेका ले रखा है। हालांकि वे अपने काम को लेकर कितने गंभीर हैं, इसका नजारा थर्सडे और फ्राइडे को हुई बरसात ने करा दिया है। फ्राईडे मार्निग से लगातार हो रही बारिश ने आमजन की जमकर परीक्षा ली। सड़क और गली जिधर से भी निकले, हर ओर पानी ही पानी नजर आया।

गड्ढों से बढ़ी मुसीबत

जगह-जगह खुदी सड़कों पर बारिश के बाद पानी भर गया। अब जो अनजान उधर से गुजरे यदि संभल गए तो बच गए, अन्यथा उनके कपड़े खराब होने तय। सबसे अधिक दुर्गति तो टू ह्वीलर वालों की हुई। कई के वाहन साइलेंसर में पानी घुसने से बंद हो गए तो कई पानी से भरे गढ्डों में गिरकर चोटिल भी हुए। सुबह 10 से 12 के बीच ऑफिस पहुंचने की जल्दी में कई लोग या तो घायल हुए या उन्हें कपड़े बदलने के लिए वापस घर जाना पड़ा।

सावन में ये हाल, भादो आ रहा

फ्राइडे को पुराने शहर के कई इलाकों के नाले जाम होने के कारण चारो तरफ जल भराव की स्थिति रही। कई मोहल्ले दिनभर पानी से घिरे रहे। कई लोगों के घरों में भी पानी घुसा। इस स्थिति में लोग कहते सुने गए, सावन में ये हाल है, भादो आने वाला है, तब तो भगवान मालिक होगा।

पिछले दस साल में अगस्त में हुई बारिश

साल, बारिश मिलीमीटर में

2015- 202.7

2014- 192.4

2013- 296.2

2012- 253.6

2011- 334.3

2010- 108.9

2009- 40.4

2008- 349.9

2007- 293.6

2006- 84.7

(नोट- सभी आंकड़े भारत मौसम विज्ञान विभाग से लिए गए हैं.)

Posted By: Inextlive