-भवन निर्माण विभाग ने तैयार किया प्राक्कलन, जल्द शुरू होगा काम

-ज्यादातर सरकारी ऑफिस में नहीं है रेन वाटर हार्वेस्टिंग

-ज्यादातर अपार्टमेंट में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के गड्ढे खोदे जा रहे हैं

-25 मई के बाद चलेगा अभियान, नक्शा परमिट रद्द करने की धमकी

JAMSHEDPUR: डीसी डॉ अमिताभ कौशल का रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर खासा जोर है। यह पहली बार है कि जिला प्रशासन रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर संजीदा है और नतीजे में शहर के ज्यादातर अपार्टमेंट में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के गड्ढे खोदे जा रहे हैं। जो अपार्टमेंट इस मुहिम में पिछड़ जाएंगे, उनके खिलाफ ख्भ् मई के बाद अभियान चलेगा और प्रशासन ने उनका नक्शा परमिट रद्द करने की धमकी दी है।

शुरू होगा काम

यही नहीं, डीसी ने जनवरी में ही कहा था कि डीसी ऑफिस, डीटीओ ऑफिस, एसडीओ ऑफिस, आईटीडीए ऑफिस, जिला पंचायत राज ऑफिस, डीपीआरओ ऑफिस, एसओआर ऑफिस आदि में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा दिया जाएगा। इसका प्राक्कलन तैयार हो चुका है और इसे मंजूरी भी मिल चुकी है। डीसी ऑफिस का जीर्णोद्धार होने पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम भी शुरू हो जाएगा। बाकी सरकारी ऑफिस में से ज्यादातर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगा है।

लापरवाह है विभाग

जिले में सरकारी इमारतें बनाने की जिम्मेदारी भवन निर्माण विभाग की है लेकिन, भवन निर्माण विभाग रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसी जरूरी चीजों के लिए भी लापरवाह है। यही नहीं, सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लग रहा है या नहीं, कोई देखने वाला नहीं है। बिल्डिंग बायलॉज में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना जरूरी है लेकिन अक्सर इमारतें बनाने वाले ठेकेदार यह जरूरी काम करना भूल जाते हैं। यही वजह है कि भवन निर्माण द्वारा बनाई जाने वाली किसी भी सरकारी इमारत में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया जा रहा है।

ये हैं रूल्स

-ख्007 में कानून लागू हुआ कि बिना रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लान के साथ किसी भवन का नक्शा स्थानीय निकाय पास नहीं करेंगे।

-भवन का नक्शा बनाने वाला आर्किटेक्ट ही इसकी निगरानी करेगा कि भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है या नहीं।

-भवन का निर्माण पूरा होने पर आर्किटेक्ट कंपलीशन सर्टिफिकेट स्थानीय निकाय को देगा। इसमें इसकी पुष्टि करेगा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पूरी तरह से काम कर रहा है। तब स्थानीय निकाय उस भवन में मालिक को रहने की अनुमति देगा।

ये है घालमेल

-90 प्रतिशत भवनों का कंपलीशन सर्टिफिकेट अक्षेस या नगरपालिका के पास जमा ही नहीं किया जाता।

-कंपलीशन सर्टिफिकेट जमा किए बिना ही लोग भवनों में रहने लगते हैं। अक्षेस के सामने यह नौबत ही नहीं आती कि वह भवन स्वामी को भवन में रहने की अनुमति दे।

-इस कानून के तहत अक्षेस प्रशासन के पास कार्रवाई का कोई अधिकार ही नहीं है। केवल नोटिस देने और भवन में आक्यूपेंसी न देने की धमकी पर बात खत्म हो जाती है।

वाटर लेवल

वर्ष पानी की उपलब्धता

क्9म्0 क्0 मीटर पर

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हम सरकारी निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। निर्देश आते ही जिले की सभी सरकारी इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का काम शुरू हो जाएगा। वैसे, उपायुक्त कार्यालय और इस परिसर में मौजूद सभी कार्यालय में की रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। इसे जल्द ही लगा दिया जाएगा।

-पंकज कुमार, कार्यपालक अभियंता, भवन निर्माण विभाग

Posted By: Inextlive