स्लग: पूर्व मंत्री सह तमाड़ के पूर्व विधायक राजा पीटर के रांची, बुंडू व तमाड़ के सभी ठिकानों पर दिनभर छापेमारी

-पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में एनआइए की टीम ने मुख्य आरोपी नक्सली कुंदन पाहन से की थी पूछताछ

-9 जुलाई, 2008 को नक्सलियों ने रमेश सिंह मुंडा को स्कूल में मारी थी गोली, स्टूडेंट समेत 4 की हुई थी मौत

RANCHI(8 Oct): पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में नेशनल इंटेलीजेंस एजेंसी (एनआइए) ने रविवार को पूर्व मंत्री सह तमाड़ के पूर्व विधायक गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर के ऑफिस व घर पर दबिश दी। एनआईए की टीम ने राजा पीटर के रांची, बुंडू, तमाड़ स्थित सभी ठिकानों पर रेड की। कई घंटों तक तमाड़ स्थित आवास पर सर्च किया। सुबह ही टीम बुंडू पहुंची थी। वहां से निकलकर टीम सीधे तमाड़ स्थित राजा पीटर के आवास पहुंची, जहां शाम तक छापामारी जारी रही। मालूम हो कि रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड के मुख्य आरोपी नक्सली कुंदन पाहन को रिमांड पर लेकर एनआइए ने पूछताछ की थी। चर्चा है कि कुंदन पाहन ने रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड से संबंधित कई राज खोले हैं। बताया जा रहा है कि हत्याकांड के तार राजा पीटर से भी जुड़ रहे हैं। गौरतलब हो कि पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या नौ जुलाई, ख्008 को बुंडू थाना से डेढ़ किमी दूर एसएस हाइस्कूल में की गई थी। वह सम्मान समारोह में बोल रहे थे, तभी कुंदन पाहन के नेतृत्व में नक्सली वहां पहुंचे और फायरिंग शुरू कर दी थी। इसमें रमेश मुंडा, उनके दोनों बॉडीगा‌र्ड्स व एक स्टूडेंट की मौत हाे गई थी।

करीबी को लेकर घर पहुंची टीम

एनआइए की टीम ने रविवार की सुबह राजा पीटर के एक करीबी दोस्त सुनील सोनी को रायडीह स्थित उसके घर से दबोचा और फिर उसे साथ लेकर टीम तमाड़ और उसके बाद वापस राजा पीटर के बुंडू स्थित आवास पहुंची। पीटर के आवास पर मां दिवड़ी नामक एक नर्सिंग होम भी चलता है। छापामारी के दौरान एनआइए ने नर्सिंग होम में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी। बताते चलें कि एनआइए अब तक पांच बार बुंडू पहुंचकर रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की जांच कर चुकी है, लेकिन यह पहली बार है कि इसमें गिरफ्तारी हुई है।

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बॉडीगार्ड ही निकला गद्दार, नक्सलियों को दी थी सूचना, धनबाद से अरेस्ट

इधर, पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड की जांच कर रही एनआइए की टीम ने उनके तत्कालीन बॉडीगार्ड शेषनाथ सिंह को भी धनबाद से गिरफ्तार किया। जानकारी के अनुसार, शेषनाथ सिंह रमेश सिंह मुंडा का ही बॉडीगार्ड था, जिसने उनकी हत्या को अंजाम देने के लिए नक्सलियों की मदद की थी। नक्सलियों के लिए शेषनाथ ने पूर्व मंत्री की रेकी करते हुए उनकी हर गतिविधि की जानकारी दी, जिसके सुबूत भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि जिस दिन रमेश सिंह मुंडा की हत्या हुई थी, उस दिन शेषनाथ सिंह नक्सलियों के कांटैक्ट में था। उसी की ही सूचना पर नक्सलियों ने स्कूल के कार्यक्रम में रमेश सिंह मुंडा को गोली मारी थी। इस हमले में पूर्व मंत्री के साथ मौजूद तीन अन्य लोग भी मारे गए थे, लेकिन शेषनाथ सिंह उनके पीछे खड़ा रहने के बावजूद बच गया था।

Posted By: Inextlive