राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार बचाने की कवायद तेज कर दी है। शुक्रवार रात अशोक गहलोत ने कैबिनेट की बैठक की। इसमें विधानसभा सत्र बुलाए जाने की कैबिनेट के प्रस्ताव पर राजभवन की ओर से उठाए गए छह बिंदुओं पर चर्चा हुई।


जयपुर (पीटीआई)। राजस्थान में मची सियासी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। इस दाैरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शुक्रवार रात को एक कैबिनेट बैठक हुई, जिसमें विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा उठाए गए छह बिंदुओं पर चर्चा हुई। यह बैठक मुख्यमंत्री के आवास पर आयोजित की गई थी जो लगभग ढाई घंटे तक चली थी। राज्यपाल ने पहले राज्य सरकार से छह बिंदुओं पर जवाब मांगा था, जिसमें फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा का सत्र बुलाने का कारण भी शामिल था। सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल को कैबिनेट नोट शनिवार को भेजे जाने की संभावना है।विधानसभा सत्र आयोजित करना चाहते


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार, जो 19 असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों द्वारा विद्रोह के बाद एक राजनीतिक संकट का सामना कर रही है, जिसमें पार्टी के बागी नेता सचिन पायलट शामिल हैं। ऐसे में अशोक गहलोत बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा सत्र आयोजित करना चाहते हैं। इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि सत्र बुलाने के लिए गुरुवार को राज्यपाल को एक पत्र भेजा गया था, लेकिन उन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया। संवैधानिक प्रावधानों द्वारा जाएंगे

गहलोत के प्रति निष्ठावान कांग्रेस विधायकों द्वारा शुक्रवार को राजभवन में विधानसभा सत्र के लिए दबाव बनाने के लिए पांच घंटे तक धरने के बाद, राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि वह एक विधानसभा सत्र बुलाने पर संवैधानिक प्रावधानों द्वारा जाएंगे। बाद में, राजभवन के एक बयान में कहा गया कि राज्यपाल ने छह बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है। बता दें कि राजस्थान में एसओजी की ओर से सचिन पायलट को बयान दर्ज कराने के लिए भेजे गए नोटिस के बाद यहां विवाद छिड़ गया।

Posted By: Shweta Mishra