- पत्नी व पिता वापस आने की बात कहते रहे, लखनऊ वापस जाने से किया था मना

- मददगार तो मिले, लेकिन शरण देने के लिए कोई तैयार नहीं था

LUCKNOW : कमलेश तिवारी की हत्या को अंजाम देने के बाद यूपी पुलिस को हर बार हत्यारे अशफाक और मोईनुद्दीन की लोकेशन मिल रही थी, लेकिन शाहजहांपुर के बाद से दोनों अचानक गायब हो गए और कुछ घंटे बाद भी दोनों राजस्थान गुजरात बार्डर के पास से पकड़े गए। शाहजहांपुर से अचानक गायब होने के सवाल का पुलिस के पास कोई जवाब नहीं था। आरोपियों के पकड़ने जाने के बाद सच सामने आया कि दोनों शाहजहांपुर से ट्रेन रूट से दिल्ली पहुंचे और फिर वहां से राजस्थान गुजरात बार्डर तक पहुंचे थे। बार्डर पर उन्होंने परिवार से पैसों की मदद मांगी थी। तभी गुजरात एटीएस ने उन्हें दबोच लिया।

पत्नी व पिता वापस लौटने की बात कहते रहे

एटीएस को दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी से पहले अशफाक और उसकी पत्नी व पिता के बीच बातचीत सुन ली थी। इसमें अशफाक की पत्नी उससे लगातार कह रही थी कि वह लौट आये। उसके पिता भी समझाते रहे कि आ जाओ। अशफाक ने तब अपनी मौजूदगी नेपाल से लौटकर शाहजहांपुर बताई थी और लखनऊ जाने की बात कही थी, लेकिन उसके पिता ने यह कहकर मना कर दिया था कि लखनऊ मत जाना वहां बहुत खतरा है। वह किसी भी तरह सूरत आ जाए।

बरेली में तीन घंटे रहा था मौलाना के साथ

एटीएस के अफसरों के अनुसार लखनऊ में 18 अक्टूबर की दोपहर हत्या करने के बाद दोनों हत्यारे शाम 6.30 बजे बरेली पहुंच गए थे। यहां वह सीधे एक दरगाह के पास पहुंचे। नागपुर से मददगार असीम अली ने उससे यहां मौलाना कैफी अली से मिलने को कहा था। कैफी से मिलकर इन लोगों ने उसे पूरी बात बताई। इसके बाद कैफी ने उसकी मरहम पट्टी करवाई थी। फिर यहां से दोनों हत्यारे आगे निकल गए थे।

मददगार मिले, शरण नहीं मिल रही थी

कमलेश तिवारी की हत्या के बाद हत्यारे अशफाक और मोईनुद्दीन असिम अली के कहने पर ही बरेली भागे थे। हालांकि उन्हें वहां मदद जरूर मिली लेकिन कोई भी उन्हें शरण देने को तैयार नहीं था। शरण लेने के लिए वह बरेली से पलिया भी पहुंचे लेकिन छिपने के लिए कोई शरण देने के लिए तैयार नहीं था। पैसा खत्म हो रहा था और लगातार भागने रहने से उन्हें पकड़े जाने का डर था। पलिया से शाहजहांपुर जाते समय उन्हें टैक्सी ड्राइवर के मोबाइल से गुजरात फोन करके दिल्ली रूट की ट्रेन की जानकारी की थी। शाहजहांपुर स्टेशन से उन्हें दिल्ली रूट की ट्रेन पकड़ी और फिर वहां दोनों राजस्थान गुजरात बार्डर तक पहुंचे।

Posted By: Inextlive