राजस्थान कांग्रेस में कुछ दिनों से उथल-पुथल के बीच कांग्रेस राजस्थान के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट और उनका समर्थन करने वाले 18 विधायक हाईकोर्ट पहुंचे हैं। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एम वीरप्पा मोइली ने बुधवार को कहा था कि पार्टी ने सचिन पायलट को बहुत कुछ दिया है।


बेंगलुरु (एएनआई / आईएएनएस)। सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच मतभेदों के खुलकर सामने आने के बाद राजस्थान में कांग्रेस सरकार राजनीतिक संकट का सामना कर रही है। सचिन पायलट मानने को तैयार नही हैं। आज कांग्रेस राजस्थान के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट और उनका समर्थन करने वाले 18 विधायकों ने राजस्थान स्पीकर के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वही तब जब पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने बुधवार को कहा था कि अगर सचिन पायलट के लिए राजनीतिक भविष्य है तो वह कांग्रेस पार्टी में हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, मोइली ने कहा कि सचिन पायलट ने कांग्रेस पार्टी में रहकर सब कुछ हासिल किया। सचिन पायलट यूपीए -2 में सांसद, राजस्थान में पीसीसी अध्यक्ष और राजस्थान के उपमुख्यमंत्री बने। उनके पास जो भी शिकायतें हैं, उन्हें पार्टी के मंच के भीतर हल किया जाना चाहिए। पायलट को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। अगर उनका राजनीतिक भविष्य है तो वह कांग्रेस पार्टी में है। उनको महसूस करना है। वह कहते हैं कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे, यह अच्छा है। पायलट उपमुख्यमंत्री पद से और पीसीसी अध्यक्ष पद से भी बर्खास्त
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कांग्रेस में पायलट मुख्यमंत्री नहीं बन सकते, आलाकमान एक पर्यवेक्षक भेजता है और विधायकों की राय का पता लगाया जाता है, चाहे वह मध्य प्रदेश या राजस्थान में हो। मोइली ने कहा जो नेता निर्वाचित विधायकों के समर्थन का प्राप्त करता है वहीं सीएम बनता है। 14 जुलाई को कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री पद से और पीसीसी अध्यक्ष पद से भी बर्खास्त कर दिया था।राजस्थान कांग्रेस में बीते कुछ दिनों से छिड़ी सियासी जंगराजस्थान कांग्रेस में पिछले कुछ दिनों से उथल-पुथल चल रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों को भड़का कर राज्य सरकार को अस्थिर करने के प्रयास के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। बता दें कि राजस्थान में विधायकों के कथित खरीद-फरोख्‍त के मामले के आरोपों के बीच स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की ओर से सचिन पायलट को बयान दर्ज कराने के लिए भेजे गए नोटिस के बाद से यहां पर विवाद छिड़ गया।

Posted By: Shweta Mishra