- राजेंद्र नगर टर्मिनल और फतुहा के बीच कई जगहों पर चाहिए फुटओवर ब्रिज

- कभी भी दोबारा हो सकती है राजेंद्र नगर टर्मिनल जैसी इंसिडेंट

PATNA CITY : राजेन्द्र नगर टर्मिनल के पास बुधवार की रात रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान हुआ इंसिडेंट कभी भी दोहरा सकता है। दानापुर रेल डिवीजन के पटना-मोकामा रेल रूट पर कई ऐसे प्वाइंट्स हैं, जो इस प्रकार के इंसिडेंट को दावत देते हैं। इंडियन रेलवे का ये काफी विजी रूट है। सुपर फास्ट, मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों सहित कई मालगाडि़यां ख्ब् घंटे गुजरती हैं। पटना जंक्शन से लेकर फतुहा के बीच कई ऐसे प्वाइंट्स हैं, जहां पब्लिक बेधड़क रेलवे ट्रैक क्रॉस करती है। ये प्वाइंट्स काफी बिजी भी हैं। इन प्वाइंट्स पर पब्लिक पैदल होने के साथ ही साइकिल और बाइक से भी रेलवे ट्रैक क्रॉस करते हैं। जहां ट्रेन की स्पीड कई की जान ले सकती है।

प्वाइंट -क्, राजेन्द्र नगर कोचिंग कॉम्प्लेक्स के पास

कोचिंग कॉम्पलेक्स के ईस्ट में एक रास्ता है, जो साउथ में नालंदा मेडिकल कॉलेज के सामने निकलता है। रेलवे ट्रैक पार कर नॉर्थ में बहादुरपुर गांव स्थित है, जहां भारी संख्या में स्टूडेंट्स रहते हैं। ओल्ड बाइपास से जुड़े इस रास्ते को लोकल पब्लिक के साथ ही हॉस्टल, लॉज और रेंट पर रहकर पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स काफी यूज करते हैं। सुबह से लेकर देर रात तक इस रास्ते से पब्लिक का आना-जाना लगा रहता है। इस प्वाइंट पर रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान कई हादसे हो चुके हैं। चार-पांच महीने पहले ही एक स्टूडेंट पटना-झाझा पैसेंजर ट्रेन की चपेट में आ गया था। इस हादसे में उस स्टूडेंट की मौत हो गई थी, जिसके बाद यूथ भड़क गए थे।

प्वाइंट-ख्, दाउद बिगहा

भूतनाथ रोड के पास दाउद बिगहा का इलाका स्थित है। ये रास्ता भी ओल्ड बाईपास और बहादुरपुर गांव से जुड़ा है। पूरी तरह से इलिगल होने के बाद भी लोकल पब्लिक धड़ल्ले से इस रास्ते को यूज करती है। पास में राजेन्द्र नगर कॉम्पलेक्स होने के कारण शंटिंग के लिए कई ट्रेनों को आगे-पीछे करना होता है। इस दौरान पूर्व में कई हादसे हो चुके हैं, जिसमें लोगों की जान तक चली गई है। पब्लिक की लाइफ को सेफ रखने के लिए फूट ओवर ब्रिज का होना बेहद जरूरी है।

प्वाइंट-फ्, गुलजारबाग स्टेशन

गुलजारबाग स्टेशन की लंबाई काफी है। ऐसे यहां कम ही ट्रेनों के स्टॉपेज हैं, लेकिन सुबह और शाम के पीक आवर में कई एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें रुकती हैं। प्लेटफॉर्म भी काफी लंबा है। स्टेशन पर पहले से एक फूट ओवर ब्रिज है, जो स्टेशन के हावड़ा एंड की ओर पड़ता है, जबकि एक फूट ओवर ब्रिज दिल्ली इंड की ओर भी होनी चाहिए थी। चूंकि अप लाइन की ट्रेनों से उतरने के बाद पैसेंजर रेलवे ट्रैक पार प्लेटफॉर्म नंबर एक की ओर जाते हैं। इस तरह से रेलवे ट्रैक पार करने के दौरान गुलजारबाग स्टेशन पर कई हादसे हो चुके हैं। जिसकी शिकार सबसे ज्यादा महिलाएं हुई हैं।

प्वाइंट - ब् पटना साहिब स्टेशन के पास

पटना साहिब स्टेशन के दिल्ली एंड और होम सिग्नल के बीच पब्लिक का मूवमेंट काफी ज्यादा होता है। रेलवे ट्रैक के नॉर्थ में चौक शिकारपुर व भितरी बेगमपुर का इलाका है, जबकि साउथ में बाहरी बेगमपुर का इलाका स्थित है। दोनों इलाकों को जोड़ने के लिए दो अंडर पास बनाए गए थे। एक अंडर पास आज नाले में तब्दील है, जबकि दूसरे अंडर पास का यूज बारिश के दिनों में पानी भर जाने के कारण नहीं हो पाता है। ऐसे में डेली लोग रेलवे ट्रैक पार करके ही आते-जाते हैं। कई हादसे हुए और कई की जान गई। लंबे समय से इस प्वाइंट पर फूट ओवर ब्रिज बनाने की डिमांड पटना सिटी की पब्लिक ने कर रखा है। लेकिन आज तक डिमांड पूरी नहीें की गई।

प्वाइंट-भ्, दीदारगंज हॉल्ट

आसपास में छोटे-बड़े कई इंडस्ट्रीज हैं। जहां काम करने के लिए बड़ी संख्या में वर्कर्स आते हैं। पास में ही कई गांव भी स्थित हैं। इसके साथ ही एनएच-फ्0 और एसएच-क्0म् भी हॉल्ट के पास से गुजरता है। रेलवे ट्रैक पार करने के लिए एक भी फूट ओवर ब्रिज नहीं है। इस हॉल्ट पर भी कई लोग अब तक ट्रैक पार करने के दौरान ट्रेन की स्पीड के शिकार हुए हैं।

प्वाइंट-म्, फतुहा रेलवे क्रॉसिंग

रेलवे क्रॉसिंग स्टेशन के दिल्ली एंड से सटा है। मेन रूट की ट्रेनों के साथ ही रेलवे यार्ड होने के कारण दिन भर मालगाडि़यों की शंटिंग होती है। एनएच-फ्0 ए का रूट अलग होने के बाद से रेलवे ने क्रॉसिंग को परमानेंट बंद कर दिया, जबकि रेलवे लाईन के दोनों ओर बड़ी आबादी रहती है। लोकल पब्लिक कैसे आएगी-जाएगी, इस पर रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने कभी ध्यान नहीं दिया। कई बार बाइक के साथ लोग ट्रेन की चपेट में आए हैं। कई महिलाएं भी शिकार हुई हैं। सालों पुरानी फूट ओवर ब्रिज की डिमांड पूरी नहीं की गई।

Posted By: Inextlive