भारत में रोड एक्सीडेंट साइलेंट पेंडमिक की तरह हैं : राजनाथ सिंह
नई दिल्ली (एएनआई)। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने शुक्रवार को वर्क मैनेजमेंट, रोड इंस्फ्रास्ट्रक्चर डिजिटाइजेशन, ह्यूमन रिसोर्स और रिक्रूटमेंट के लिए चार नए सॉफ्टवेयर लॉन्च किए। इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए के 'कर्मयोगियों' को संबोधित करते हुए कहा, आज लॉन्च किए जा रहे चार सॉफ्टवेयर संगठन के काम में दक्षता लाएंगे और उनके समय की भी बचत करेंगे। उनका निर्माण 'आत्मनिर्भर भारत' और 'डिजिटल इंडिया' अभियानों की सफलता का भी प्रतीक है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'सड़कों पर दुर्घटनाएं आज हमारे लिए बड़ी चिंता का विषय हैं। यह बड़े आश्चर्य की बात है कि हमारे देश में दुनिया के कुल 3 फीसदी से भी कम वाहन हैं लेकिन दुर्घटनाएं 11 फीसदी के करीब हैं। यह किसी साइलेंट पेंडमिक से कम नहीं
देश में हर साल लगभग 4.5-5 लाख दुर्घटनाएं और 1.5 लाख दुर्भाग्यपूर्ण मौतें होती हैं। यह किसी मूक महामारी से कम नहीं है। इन सब से छुटकारा पाने के लिए सरकार ने जैसे 'राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति' को मंजूरी देना, 'मोटर वाहन अधिनियम 2020' लाना, राष्ट्रीय राजमार्गों पर ब्लैक स्पॉट की पहचान करना जैसे कदम उठाए हैं। अपनी स्थापना के समय से ही बीआरओ दूरदराज के क्षेत्रों में सड़कों, सुरंगों और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण करके राष्ट्र की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सबसे महत्वपूर्ण कंपोनेंट कनेक्टिविटी है।बीआरओ के जवान अथक परिश्रम कर रहेकनेक्टिविटी के लिए हमारे बीआरओ के जवान कड़ाके की सर्दी, गर्मी, बारिश, बर्फबारी जैसी मुश्किलों के बीच भी अथक परिश्रम कर रहे हैं। पिछले 5-7 वर्षों में, बीआरओ ने और भी उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले पांच-सात वर्षों के दौरान बीआरओ के बजट में तीन से चार गुना वृद्धि कोई मामूली बात नहीं है। इसके अलावा, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि सावधानी हैती दुर्घटना घटी जैसे नारे भी सड़क पर लोगों को जागरूक करने में मदद करते हैं।