Raksha Bandhan 2022 muhurt: दिनाँक 11 अगस्त 2022 गुरुवार को राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त रात्रि 8:54 से रात्रि 9:42 बज़े तक प्रदोष काल एवं चर के चौघड़िया में निशीथकाल आरम्भ होने से पहले रहेगा।

पं राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य)। रक्षा बंधन का पर्व 11 अगस्त को मनाया जा रहा है। इस दिन बहन अपने भाई कलाई में राखी बांधती है। शास्त्रों के अनुसार श्रावणी पूर्णिमा/रक्षाबंधन पर अधिकतर भद्रा का साया देखा गया है ऐसी मान्यता है कि भद्रा का जन्म भगवान शिव के शरीर से हुआ।अतः भद्रा का दोष शान्त करने के लिए भगवान शंकर की पूजा उपयुक्त उपाय है।भगवान शिव और पार्वती की उपासना से भद्रा शुभ होती है। यही समय भगवान शिव की पूजा/आराधना का श्रेष्ठ समय रहेगा।

भद्रा रहित काल में रक्षा बन्धन का पर्व
श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन त्रिमुहूर्त व्यापनी भद्रा रहित काल में रक्षा बन्धन का पर्व मनाया जाता है। इस बार रक्षाबन्धन का पर्व दिनाँक 11अगस्त 2022,गुरुवार * को पड़ रहा है। शास्त्रीय मान्यता अनुसार भद्रा में राखी बांधना निषेध होता है, क्योंकि श्रावणी राजा को क्षति करती है। परन्तु शास्त्र के अनुसार भद्रा का निवास तीनों लोकों में होता है, जिस समय भद्रा जहां निवास करती है फल भी वहीं का देती है। भद्रा निवास विचार के अनुसार चन्द्र राशि के अनुसार *मेष, वृष, मिथुन (अश्वनि नक्षत्र से पुनर्वसु के तृतीय चरण तक) तथा वृश्चिक (विशाखा के चौथे चरण से ज्येष्ठा नक्षत्र के अन्त तक) के चन्द्रमा में होने पर भद्रा का निवास स्वर्ग लोग में रहता है।ज्योतिष शास्त्र में यह उत्तम योग माना जाता है।

प्रदोष काल में ही रक्षाबंधन करने का विधान
रक्षाबंधन का पवित्र पर्व भद्रारहित अपराह्न व्यपिनी पूर्णिमा में करने का विधान है। यदि पहले दिन व्याप्त पूर्णिमा के अपराह्न काल में भद्रा हो तथा दूसरे दिन उदय कालिका पूर्णिमा तिथि त्रिमुहूर्त-व्यपिनी हो तो उसी उदय कालिक पूर्णिमा के अपराह्न काल में रक्षाबंधन करना चाहिए। चाहे वह अपराह्न से पूर्व ही क्यों न समाप्त हो जाये। परन्तु यदि आगामी दिन पूर्णिमा त्रिमुहूर्त व्यपिनी न हो तो पहले दिन भद्रा समाप्त होने पर प्रदोष काल में ही रक्षाबंधन करने का विधान है इस वर्ष 11 अगस्त 2022 को अपराह्न व्यपिनी पूर्णिमा में भद्रादोष व्याप्त है (पूर्णिमा प्रातः 10:39 बज़े लगेगी उसी समय भद्रा भी लगेगी जोकि रात्रि 8:53 बज़े तक रहेगी) एवं दिनांक 12 अगस्त 2022, शुक्रवार पूर्णिमा प्रातः 7:06 बज़े तक ही रहेगी जोकि पूर्णिमा त्रिमुहूर्त व्यपिनी नहीं है। पूर्णिमा केवल प्रातः 7:06 बज़े समाप्त हो रही है। 11 अगस्त 2022, गुरुवार को ही प्रदोषकाल के समय भद्रा रहित काल में अर्थार्त रात्रि 8:53 बज़े के बाद रक्षाबंधन पर्व मनाया जायेगा।

रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त
दिनाँक 11 अगस्त 2022, गुरुवार को उपरोक्त समयानुसार निशीथ काल आरम्भ होने से पहले ही रक्षाबंधन करना चाहिए। परन्तु विशेष परिस्थितियों में परिहार स्वरूप भद्रा मुख (सांय 6:20 से 8:00 बज़े तक एवं भद्रा पूच्छ काल (सांय 5:12 बज़े से सांय 6:16 बज़े तक )में भी रक्षाबंधन करना ग्राह्म रहेगा। इसके अतिरिक्त 11 अगस्त 2022, गुरुवार को चन्द्रमा मकर राशिस्थ एवं भद्रा पाताल लोक में भी होने के कारण भद्रा के परिहार हो रहा है।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari