भाई व बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन आज, पूर्वान्ह 11.05 से लेकर दोपहर 1.52 बजे तक मुहूर्त

भद्रा की वजह से सुबह छह बजे से 10.30 बजे नहीं बांधी जाएगी राखी

ALLAHABAD: भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का प्रतीक त्योहार रक्षाबंधन सोमवार को मनाया जाएगा लेकिन इस बार त्योहार पर भद्रा का साया पड़ा है। भोर में भद्रा नक्षत्र होने और रात को चंद्रग्रहण लगने के कारण राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त कम हो गया है। इस वजह से त्योहार का मुहूर्त काल तीन घंटे से भी कम का रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली ने बताया कि सोमवार को भोर से ही भद्रा रहेगा और उसका मान 10.30 बजे तक रहेगा। लेकिन उसका असर पूर्वान्ह 11.05 बजे तक माना जाएगा। उसके बाद ही भाई व बहन के त्योहार की खुशियों मनाई जाएगी। जिसका मुहूर्त दोपहर 1.52 बजे तक रहेगा। साथ ही उस अवधि में विप्रजन भी श्रावणी उपकर्म कर सकते हैं। क्योंकि उसके बाद देर रात लगने वाले खग्रास चंद्रग्रहण की वजह से सूतक काल प्रारंभ हो जाएगा।

खग्रास चंद्रग्रहण का समय

रक्षाबंधन त्योहार पर जहां एक तरफ भद्रा का साया पड़ा है वहीं खग्रास चंद्रग्रहण की वजह से सूतक काल भी। क्योंकि खग्रास चंद्रग्रहण श्रवण नक्षत्र व मकर राशि पर लगेगा। भारतीय समयानुसार ग्रहण का स्पर्श काल रात में 10.52 बजे पर होगा और मोक्ष रात्रि 12.49 बजे तक रहेगा। जबकि सूतक दोपहर 1.52 बजे के बाद से लग जाएगा।

सूतक काल में बंद रहेगा कपाट

खग्रास चंद्रग्रहण का सूतक काल दोपहर 1.52 बजे लग जाएगा इस वजह से मंदिरों के कपाट को बंद कर दिया जाएगा। सूतक लगते ही मनकामेश्वर महादेव मंदिर में गर्भगृह को बंद कर दिया जाएगा। लेकिन परिसर खुला रहेगा ताकि सोमवार की वजह से भक्त दूर से ही पूजन अर्चन कर सके। बंधवा स्थित बड़े हनुमानजी का मंदिर, सिविल लाइंस स्थित हनुमत निकेतन, मां कल्याणी देवी व ललिता देवी मंदिर, कोटेश्वर महादेव, दशाश्वमेध मंदिरों का कपाट सूतक लगते ही बंद कर दिया जाएगा।

शास्त्रों के अनुसार सूतक लगते के बाद पूजन-अर्चन करना, भोजन करना और किसी दूसरे का अन्न ग्रहण करना अशुभ फलदाई माना जाता है।

पं। विद्याकांत पांडेय, ज्योतिषाचार्य

Posted By: Inextlive