- साध्वी प्राची के आने की सूचना से पुलिस के उड़े होश

आगरा। मंटोला क्षेत्र के चौराहा मीरा हुसैनी में गोली लगने से जान गंवाने वाले विहिप नेता अरुण माहौर की धाकरान चौराहे से नालबंद चौराहे के बीच मूर्ति स्थापना को लेकर होने वाली रैली को पुलिस प्रशासन ने प्लान तरीके से फेल कर दिया। रैली को नेतृत्व करने वाले भाजपा नेता कैलाश माहौर को एक दिन पहले ही शांति भंग में गिरफ्तार कर लिया गया। समर्थकों ने शुक्रवार को पेशी के दौरान कलेक्टेट पर हंगामा किया लेकिन उसे जेल भेज दिया गया। रैली मार्ग के पुलिस छावनी में तब्दील होने और गिरफ्तारी के डर से साध्वी प्राची भी आधे रास्ते से लौट गई। हालांकि रैली के लिए सुभाष पार्क पर महिलाएं एकत्रित भी हुई लेकिन नेतृत्व करने कोई नहीं पहुंचा तो वह इंतजार कर लौट गईं।

रैली के लिए प्रशासन को दिया था ज्ञापन

माहौर समाज के नेता और भाजपा के उपाध्यक्ष कैलाश माहौर ने पूर्व में प्रशासन को ज्ञापन दिया था कि अरुण माहौर की मूर्ति स्थापना की मांग को लेकर 17 जून को शांति के साथ रैली निकालकर ज्ञापन देंगे। रैली सुबह नौ बजे नालबंद चौराहे से लेकर धाकरान चौराहे के बीच निकाली जानी थी। लोगों को शामिल करने के लिए इसका खूब प्रचार प्रसार भी किया गया था। शुक्रवार को सुबह नौ बजे से ही भारी पुलिस बल के साथ सीओ कोतवाली मनीषा सिंह मौके पर तैनात हो गई। एलआईयू की टीम भी सक्रिय हो गई।

महिलाएं आई और लौट गई

सुबह नौ बजे के बाद महिलाओं की टोली रैली के लिए मौके पर आई लेकिन उन्हें वहां पुलिस के अलावा कोई नहीं दिखा। पुलिस ने पूछा तो महिलाओं का कहना था कि नेता जी आ रहे हैं। यहां से रैली निकालेंगे। काफी इंतजार के बाद को नेतृत्व देने नहीं पहुंचा तो महिलाएं लौट गईं। र दोपहर में भी कुछ महिलाएं और पुरुष सुभाष पार्क आए लेकिन पुलिस को वह खड़े रहे। इंतजार किया और लौट गए।

साध्वी के आने से थमी सांसे

कट्टर हिंदूवादी नेता साध्वी प्राची के आने की खबर से पुलिस व प्रशासन के होश उड़े हुए थे। मौके पर एलआईयू अलर्ट थी। सीओ एलआईयू भी मौके पर थे। पुलिस का खुफिया विभाग भी पल-पल की अपडेट अधिकारियों को दे रहा था। लेकिन किसी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि साध्वी प्राची कहां हैं। पुलिस दोपहर तक यह ट्रेस नहीं कर पाई कि वह कहां हैं। बाद में उसे उनके न आने की सूचना मिली तो राहत की सांस ली।

हालत बिगड़ी या गिरफ्तारी का डर

साध्वी प्राची ने रैली में भाग न लेने के पीछे तबियत बिगड़ने की बात कही है। उनका कहना था कि आने की पूरी प्लानिंग थी। लेकिन दिल्ली से आगरा आने के दौरान तबियत खराब हो गई। इससे रैली में आना कैंसिल कर दिया गया। हालांकि सूत्रों का कहना है कि वह आधे रास्ते से लौट गई। साध्वी को अपनी गिरफ्तारी का आभास हो गया था।

रात में ही पुलिस ने कर लिया अरेस्ट

सेक्टर 4 निवासी बीजेपी उपाध्यक्ष व माहौर समाज के नेता कैलाश माहौर का गुरुवार की रात को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उसका अपने भाई विजय माहौर से मारपीट हो गई थी। कैलाश के भतीजे अजय ने बताया कि चाचा विजय ने प्रोपर्टी को लेकर दादा से मारपीट की थी। कैलाश माहौर भाई को साथ लेकर थाने शिकायत लेकर गए थे उसी दौरान पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। एसपी सिटी के मुताबिक कैलाश माहौर नशे की अवस्था में भाई से झगड़ा करके आया था। उनका मेडिकल भी कराया गया था।

महिलाएं गाड़ी के आगे लेटी

दोपहर में कैलाश माहौर का कलेक्ट्रेट में पेश किया गया। उसकी जमानत खारिज कर जेल भेजा गया। इस पर माहौर समाज के लोगों ने हंगामा कर दिया। इस दौरान लोगों ने नारेबाजी की और महिलाओं ने पुलिस का रास्ता रोक दिया। पुलिस कैलाश माहौर को जेल ले जा रही थी उस दौरान एक महिला पुलिस की गाड़ी के आगे लेट गई। किसी तरह पुलिस ने उसे हटाया।

पुलिस ने कराई होटलों में तलाश

पुलिस के खुफिया तंत्र से खबर आई की साध्वी फतेहाबाद के किसी होटल में है। इस पर एलआईयू सक्रिय हो गई। फतेहाबाद के कई होटलों को खंगाला गया। लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका। पुलिस को आशंका थी कि कहीं इस बार भी साध्वी वेष बदल कर न आ जाए। पिछली बार साध्वी पुलिस टीम को गच्चा देकर शोक सभा में पहुंच गई थी।

धाकड़ समाज भी रखे हुए नजर

मौके पर अखिल भारतीय धाकड़ महासभा के जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम सिंह धाकर भी नजर रखे हुए थे। उनका कहना था कि किसी भी हाल में मूर्ति धाकरान चौराहे पर नहीं लगाई जाएगी। पुराने समय से यहां का नाम धाकरान चौराहा है इसे किसी भी हाल में बदलने नहीं दिया जाएगा। समाज पूरी तरह से इसके विरोध में है।

सभी ने पल्ला झाड़ लिया

इस मामले में सभी ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। मूर्ति लगाए जाने के मामले में बीजेपी, विहिप, बजरंग दल सभी ने मना कर दिया। इनका कहना था कि उनका किसी भी प्रकार की रैली से कुछ लेनादेना नहीं है।

लोगों को नहीं पता किस बात की रैली

पूरे प्रकरण में हैरानी की बात यह है कि प्रदर्शन और रैली के लिए जो लोग जमा हो रहे थे उन्हें यह नहीं पता था कि रैली का मंसूबा क्या है। वह मात्र यही बोल रहे थे कि रैली के लिए नेताजी ने बुलाया है।

Posted By: Inextlive