फोटो- कथा

- शिवशक्ति दुर्गा मंदिर प्रगति नगर में आयोजित हुई राम कथा

- कहा, संस्कृति के प्रति प्रेम व अनुराग होना परम आवश्यक

DEHRADUN : भगवान राम ने जो आचरण किए हैं, वे सनातन धर्म के मनुष्यों के अंदर होने चाहिए। इससे धर्म में कभी भी न्यूनता नहीं आ सकती। यह कहना है व्यास पीठ में बैठे आचार्य पं। योगेंद्र प्रसाद रतूड़ी का। वे शिवशक्ति दुर्गा मंदिर प्रगति नगर रेसकोर्स ऑफिसर कॉलोनी में चल रही राम कथा के दौरान भक्तों को रामचरित मानस का श्रवण कराते हुए बोल रहे थे।

भूल रहे अपने संस्कार

आचार्य ने रामचरित मानस की कथाओं का श्रवण कराते हुए सीमा स्वयंवर, राम वनवास, भरत को राज टीका आदि का कथा के जरिए अवलोकन कराया। उन्होंने कहा कि जन्मभूमि एवं धर्म संस्कृति के प्रति प्रेम व अनुराग होना परम आवश्यक है। लेकिन आज धीरे-धीरे भावी आने वाली पीढि़यां अपने मूल संस्कारों को भूलते जा रहे है, जिससे हमें अपनी चल रही पीढ़ी को अपना गोत्र तक की जानकारी नहीं है।

Posted By: Inextlive