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बरेली:

माधवबाड़ी स्थित श्री रामायण मंदिर में श्री राम कथा में कथा व्यास रविनंदन शास्त्री जी ने कहा कि हम अपने उपयोग के भोजन, वस्त्र, आभूषण इत्यादि को सर्वप्रथम प्रभु के चरणों से स्पर्श करा दें उन्हें अर्पण कर दें तो वह हमारे लिए प्रसाद बन जाएगा। प्रसाद जीवात्मा को प्रसन्नता देता है। व्यवसाई भी अपनी आय को प्रभु को अर्पण कर ही उपयोग करें ताकि उनके द्वारा कमाया गया धन भी प्रसाद बने। भोजन का भोग प्रभु को अर्पण करने के उपरांत उसे उसी रूप में पाना चाहिए। भोग लगाने के उपरांत बने प्रसाद से जीवात्मा की अनेकानेक व्याधियों समाप्त हो जाती हैं।

उन्होंने भगवान श्री राम की विभिन्न बाल लीलाओं का बहुत ही सुंदर ढंग से गुणगान किया। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस का पाठ एवं पारायण मनुष्य के लिए बहुत ही हितकर है। जिनके हृदय में राम नाम रूपी मणि है उसको सपने में भी दुख नहीं होता है। उन्होंने राम नाम का जप का आश्रय लेने के लिए आह्वान किया क्योंकि केवल इसी मंत्र का जाप किसी भी स्थिति में किया जा सकता है। इसके जाप के लिए किसी प्रकार का नियम बंधन नहीं है। शास्त्री जी ने मानस जी की अनेक चौपाइयों का सुमधुर स्वर में गायन करते हुए श्री राम की बाल लीलाओं का भी भावपूर्ण वर्णन किया। अंत में उनके द्वारा गाए गए भजन मांगा है मैंने श्याम से वरदान एक ही तेरी कृपा बनी रहे जब तक है जिंदगी ने श्रोताओं को आनंदित कर दिया। भजन गायक जगदीश भाटिया ने बताया कि कथा 2 अगस्त तक प्रतिदिन सायं काल 6:30 बजे से होगी।

Posted By: Inextlive