बदले निजाम में काम करने का अंदाज कैसे बदल जाता है इसकी तस्वीर आप लखनऊ में देख सकते हैं. उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी बसपा सरकार की विदाई होते ही राम मनोहर लोहिया पार्क और लोहिया पथ के दिन लौट आए हैं और यहां दिन-रात काम शुरू हो गया.


समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया मुलायम सिंह यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाने वाला गोमती नगर स्थित राम मनोहर लोहिया पार्क बसपा के शासनकाल में पिछले पांच साल से उपेक्षा का शिकार था. पार्क में लगी घड़ी बंद थी तो कई स्थानों पर टाइल्स टूटे हुए थे. पार्क की झील में गंदगी थी तो बेंच व फव्वारे टूटे हुए थे.इसी तरह मुलायम सिंह यादव के सीएम रहते बना लोहिया पथ भी बदहाली का शिकार था. मुख्यमंत्री आवास यानी कालीदास मार्ग से लेकर पालीटेक्निक चौराहे तक करीब 125 करोड़ रुपये की लागत से बना छह किलोमीटर लम्बा लोहिया पथ कई स्थानों पर टूट गया था. पूरे पथ के दोनों तरफ लोहे की रेलिंग बनाकर लाइटें लगाई थीं जो देखरेख के अभाव में टूट गई थीं.


सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, "2007 में सूबे में बसपा की सरकार आने के बाद लोहिया पार्क, लोहिया पथ के साथ-साथ समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार द्वारा बनाए गए संस्थान और अस्पताल पांच साल तक उपेक्षा के शिकार रहें."

अब सपा की सरकार आते ही उपेक्षा का शिकार रहे लोहिया पार्क और लोहिया पथ की तकदीर फिर से सवंरने लगी है. राम मनोहर लोहिया पार्क में पिछले तीन-चार दिन से करीब पांच सौ मजदूर लखनऊ विकास प्राधिकरण के ऑफिसर्स पार्क की मरम्मती, साफ सफाई, रंग रोगन, घास की कटाई, मौसमी पौधों की रोपाई और लाइट व्यवस्था के लिए काम करवा रहे हैं. इसी तरह दो सौ से ज्यादा मजदूर लोहिया पथ की सफाई और रंग रोगन में लगे हैं.माना जा रहा कि अखिलेश यादव शपथ ग्रहण करने के बाद लोहिया की मूर्ति का माल्यार्पण करने के लिए राम मनोहर लोहिया पार्क जा सकते हैं. शायद इसी के मद्देनजर अधिकारी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं.

Posted By: Kushal Mishra